गंभीर आरोपों से घिरी रजनी भंडारी, पद से हुई निलंबित | Chamoli District Panchayat President Got Suspend

राज्य के चमोली क्षेत्र के (Chamoli District Panchayat President) जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को गंभीर आरोपों के चलते तत्काल रूप से अपने पद से हटा दिया गया है। शासन ने बुधवार को इस बारे में आदेश भी जारी कर दिया है। श्रीनंदादेवी राजजात के लिए वर्ष 2012-13 में पर्यटन विभाग से मिली धनराशि से स्वीकृत कार्यों के लिए न्यूनतम के बजाय अधिकतम बोली दाताओं की निवेदिता स्वीकृत करने के आरोप की मंडलायुक्त की जांच में पुष्टि के बाद यह कदम उठाया गया है।

पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि रजनी भंडारी पर आरोप है कि जिला पंचायत अध्यक्ष रहते समय उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में साल 2012-13 में श्रीनंदादेवी राजजात के लिए मिले 64 कार्यों के लिए हुई निवेदिता में 30 कार्य न्यूनतम के बजाय अधिकतम बोली दाताओं को स्वीकृति दी। इस पूरे मामले की साल 2014 में जांच कराई गई थी।

2021 में जारी हुआ था कारण बताओं नोटिस | Chamoli District Panchayat President

2014 में की गई जांच में इस बात की पुष्टि हुई थी कि भंडारी ने निविदाएं स्वीकृत करने में उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली में निहित प्रावधानों की अनदेखी की है। इस प्रकरण में शासन ने भंडारी को साल 2021 में कारण बताओं नोटिस भी जारी किया था। उत्तर संतोषजनक न मिलने पर उन्हें पद से हटा दिया गया था, बाद में हाई कोर्ट के आदेश पर उन्हें दोबारा से अपने पद पर बहाल किया गया था। जिसके बाद शासन ने मंडल आयुक्त से प्रकरण की जान शुरू कराई थी।

रजनी भंडारी का जवाब नहीं मिला संतोषजनक | Chamoli District Panchayat President

पिछले साल मई में मंडलायुक्त ने जांच की रिपोर्ट शासन को सौंप थी, फिर अगस्त में उन्हें नोटिस भेजा गया, जिसका जवाब भंडारी ने 29 अगस्त को शासन को भेजा था। इस मामले में अब उन्हें पद से हटाने के आदेश जारी किए गए हैं। जिसके मुताबिक भंडारी ने अपने पूर्ववर्ती अध्यक्ष के कार्यकाल में लोक सेवक के रूप में अपने पदीय कर्तव्यों और दायित्व के उलट जाकर कार्य किए हैं। उनका जवाब भी संतोषजनक नहीं पाया गया है।

जांच में नहीं साबित हुए वित्तीय अनियमित के आरोप | Chamoli District Panchayat President

जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को पद से हटाए जाने के बाद उनका कहना है कि भाजपा ने लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए जनमत का अपमान किया है। साथ ही उन पर वित्तीय अनियमितता के आरोप जांच में साबित नहीं हुए हैं। जिसकी बावजूद उन्हें प्रदेश सरकार ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के दबाव में हटाया गया है। साथ ही उनका कहना है कि महेंद्र भट्ट विधानसभा की बद्रीनाथ सीट के चुनाव में उनके पति से हार गए थे, इसके स्वरूप उन्होंने बंदरी को पद से हटाया है।

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