उत्तराखंड (Char Dham Yatra) के पर्वतीय क्षेत्रों की कई रोडवेज बसें पुरानी हो चुकी हैं। जिसमें से करीब 12 संचालित बसे अपनी किलोमीटर संख्या पूरी कर चुकी है। अगर इस बार नई बसें नहीं लगाई गई तो यात्रा में रोडवेज बसों का संचालन मुश्किल होगा।
तीर्थ यात्रा में जाने वाली कई बसें अब पुरानी हो चुकी है। जिसमें सफर करना लोगों के लिए खतरे से खाली नहीं होगा। पर्वतीय क्षेत्रों में संचालित अधिकतर बसें अपनी किलोमीटर क्षमता पूरी कर चुकी है। जिसमें ऋषिकेश रोडवेज डिपो में वर्तमान में अपनी 45 बस सेवाएं हैं और 23 बसें अनुबंधित की गई है। Char Dham Yatra
12 बसे हुई बूढ़ी | Char Dham Yatra
नियम के अनुसार 5 लाख किलोमीटर से अधिक बस सेवा संचालित नहीं हो सकती है जबकि यह बसे करीब 7 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तक चल गई है। इन पुरानी बसों की संख्या करीब 12 है जो की ऋषिकेश– दिल्ली– घनसाली, ऋषिकेश–दिल्ली–गुप्तकाशी, ऋषिकेश– दिल्ली– गोपेश्वर, ऋषिकेश– दिल्ली– उत्तरकाशी और ऋषिकेश– पौड़ी– चंडीगढ़ मार्ग पर संचालित होती हैं। Char Dham Yatra
आपको बता दे कि रोडवेज मुख्यालय से पर्याप्त मात्रा में पार्ट्स ना आने की वजह से रोड़वेज बसों की जैसे–तैसे मरम्मत की जाती है और फिर उन्हें रास्ते पर चलने के लिए तैयार किया जाता है। रोडवेज मुख्यालय की तरफ से रोडवेज बसों की खरीद में लंबा समय लगने से पर्वतीय क्षेत्रों पर नई बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। Char Dham Yatra
यह भी पढ़े |
रुद्रपुर और कुमाऊं टोल प्लाजा बंद किसान बना रहे दिल्ली कूच की योजना |