Growing Network Of Illegal Mining: प्रदेश के कई क्षेत्रों में भू-माफियाओं के हौसले काफी बुलंद हो गए हैं, खासकर रूड़की के मंगलौर में। यहाँ अवैध खनन कारोबारियों ने रात के अंधेरे में बेखौफ होकर खनन करना शुरू कर दिया है। यह कारोबार बिना किसी अनुमति के चल रहा है और प्रशासन इस पर कार्रवाई करने में नाकाम रहा है। इन माफियाओं ने हज़ारों घन मीटर मिट्टी को अलग-अलग स्थानों पर डालकर करोड़ों रुपये का मुनाफा कमाया है।
स्थानीय एचआरडीए द्वारा निर्माणाधीन परियोजनाओं के आसपास और एनएच 58 के किनारे अवैध खनन की गतिविधियाँ स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं। ये माफिया प्रशासन को खुली चुनौती दे रहे हैं, और उनके बढ़ते कारोबार के कारण क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को खतरा उत्पन्न हो गया है।
प्रशासन की नाक के नीचे जारी काला कारोबार
जब मीडिया ने इस मुद्दे पर रूड़की तहसीलदार विकास अवस्थी से संपर्क किया, तो उन्होंने अपनी ज़िम्मेदारी से बचते हुए जॉइन्ट मजिस्ट्रेट से मिलने की सलाह दी। जॉइन्ट मजिस्ट्रेट आशीष मिश्रा ने हालांकि कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी है और वे तहसील स्तर पर कार्रवाई के आदेश देंगे।
इससे कई सवाल उठते हैं, खासकर यह कि अगर प्रशासन को अवैध खनन की गतिविधियों का पता है, तो इसे रोकने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे हैं? क्या प्रशासन की ओर से लापरवाही है, या कहीं न कहीं इन माफियाओं का प्रभाव प्रशासन पर भी है?
यह स्थिति केवल प्रशासन के लिए ही नहीं, बल्कि आम जनता के लिए भी चिंता का विषय है, क्योंकि अवैध खनन न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि स्थानीय समाज की सुरक्षा और विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। इससे स्पष्ट होता है कि अवैध खनन के खिलाफ ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि इस समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सके।
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