उत्तराखंड में ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन (Karnprayag–Rishikesh Railway) का काम अब तेजी से किया जा रहा है। रेलवे लाइन पर ट्रैक बिछाने का कार्य शुरू हो चुका है। 4 जुलाई को इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है। आपको बता दें कि भारतीय रेलवे का उपक्रम इरकॉन इंटरनेशनल ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर ट्रैक बिछाने का काम शुरू करेगा।
उत्तराखंड में शुरू होने जा रहे हैं ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर इरकॉन इंटरनेशनल कंपनी 750 करोड रुपए की लागत से जल्दी ट्रैक बिछाने का काम शुरू करने जा रही है जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। आपको बता दें कि जनहित को ध्यान में रखते हुए यह परियोजना बेहद महत्वपूर्ण बताई जा रही है, इसीलिए इस परियोजना का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है।
125 किमी लंबी है ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन | Karnprayag–Rishikesh Railway
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन 125 किलोमीटर लंबी है। इस लाइन पर 16 सुरंगे हैं। इन सुरंगों के खुदान का काम भी लगभग 75 प्रतिशत तक पूरा हो गया है। साल 2025 तक इन सुरंगों के खुदान का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बता दें कि इस रेलवे लाइन का 105 किलोमीटर हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरेगा।
20 किमी में होंगे पुल और रेलवे स्टेशन | Karnprayag–Rishikesh Railway
आपको बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का 120 किलोमीटर हिस्सा जहां सुरंगों से होकर गुजरेगा तो वहीं बाकी का 25 किलोमीटर हिस्से में पुल और रेलवे स्टेशन होंगे। इस रेलवे परियोजना का काम तेजी से किया जा रहा है और अब रेलवे लाइन पर ट्रैक बिछाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गया है। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि साल 2026 के अंत तक ट्रैक बिछाने का काम भी पूरा कर लिया जाएगा।
पूरी परियोजना में हैं 13 स्टेशन | Karnprayag–Rishikesh Railway
आपको बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर कुल 13 स्टेशन हैं। जिसमें से योगनगरी रेलवे स्टेशन और वीरभद्र रेलवे स्टेशन का काम भी पूरा हो चुका है। सबसे खास बात कि योगनगरी रेलवे स्टेशन तक ट्रेनें चलने भी लगी हैं। इसके साथ ही देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर, धारीदेवी, तिलनी, घोलतीर, गौचर, शिवपुरी, ब्यासी और सिंवई (कर्णप्रयाग) में भी स्टेशन हैं।
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