जानें किन कारणों के कारण होगी हड़ताल, बेरोजगारी से लेकर श्रम…

Know Why Bharat Band Is Declared: देश की प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। ट्रेड यूनियनों का कहना है कि पिछले साल उन्होंने श्रम मंत्री को 17 सूत्रीय मांगों की सूची सौंपी थी, जिन पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

मुख्य शिकायतें इस प्रकार हैं:

  • बेरोजगारी की बढ़ती समस्या
  • लगातार बढ़ती महंगाई
  • मजदूरी दर में गिरावट
  • पिछले 10 वर्षों से वार्षिक श्रम सम्मेलन का आयोजन नहीं
  • नई श्रम संहिताएं जो कर्मचारियों के अधिकारों को कमजोर कर रही हैं
  • हड़ताल और सामूहिक सौदेबाजी जैसे अधिकारों पर अंकुश

सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल

श्रम संगठनों ने सरकार पर श्रम-विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया है। आरोप हैं कि— सरकारी विभागों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है, जिससे निजीकरण को बढ़ावा मिल रहा है। साथ ही, युवाओं को रोजगार देने के बजाय रिटायर्ड कर्मचारियों की दोबारा भर्ती की जा रही है, जबकि देश की 65% आबादी 35 वर्ष से कम उम्र की है। साथ ही, ईएलआई जैसी योजनाओं से कंपनियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है, लेकिन कर्मचारियों की स्थिति लगातार खराब हो रही है।

पहले भी हो चुकी हैं हड़तालें

आपको बता दें, ट्रेड यूनियनें इससे पहले भी कई बार राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर चुकी हैं। 26 नवंबर 2020, 28-29 मार्च 2022, 16 फरवरी 2024 इन सभी हड़तालों में कर्मचारियों ने अपने अधिकारों के लिए आवाज़ बुलंद की थी।

यूनियनों का कहना है कि इस बार का आंदोलन पहले से कहीं अधिक व्यापक और निर्णायक होगा। इसका उद्देश्य सिर्फ विरोध नहीं बल्कि नीति-निर्माण पर असर डालना है। अब देखना होगा कि सरकार इस हड़ताल से पहले कोई कदम उठाती है या नहीं।

Srishti
Srishti