उत्तराखंड में अब हर ग्राम पंचायत में 1 खेल मैदान बनाया जाएगा और इसके अलावा मिनी खेल स्टेडियम (Mini Stadium) का भी निर्माण किया जाएगा इसके लिए शासन के द्वारा आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
खेल मैदान राज्य के हर ग्राम पंचायत में खेल मैदान बनाने के लिए सरकार की तरफ से 42 लाख 50 हजार दिए जाएंगे। जिलाधिकारी की संस्तुति के आधार पर भूमि के कथन समतलीकरण धारण एवं रिटेनिंग वॉल के निर्माण के लिए 12.5 लख रुपए की धनराशि तय की गई है तो वही 50 हजार मैदान में खेल मैदान के उपकरणों के लिए दिए जाएंगे।
खेल मैदानों में दौड़, लंबी कूद, ऊंची कूद, थ्रो, खो-खो, कबड्डी, वॉलीबॉल, फुटबॉल, बास्केटबॉल, पुशअप, चिनअप, ताइक्वांडो, बॉक्सिंग आदि खेलों की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इन सभी खेलों के प्रशिक्षण के लिए एक खेल प्रशिक्षण भी विभाग की ओर से निर्धारित मानदेय के आधार पर तैनात किए जाएंगे।
मैदानों और स्टेडियम के लिए यहां से मिलेगी जमीन | Mini Stadium
राज्य में खेल मैदानों के लिए जमीन निजी दानदाताओं, ग्राम समाज, नजूल या राज्य सरकार के अधीन की भूमि आवंटित की जाएगी। यह भूमि युवा कल्याण विभाग के नाम पर रजिस्टर की जाएगी। इस जमीन की रजिस्ट्री संबंध जनपद के जिलाधिकारी के ओर से निशुल्क की जाएगी और निजी दानदाताओं की ओर से दी गई भूमि की रजिस्ट्री पर होने वाला खर्च खेल विभाग उठाएगा।
तो वही शासकीय विभाग, प्राधिकरण, राजकीय, शासकीय सहायता प्राप्त संस्थान, विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, महाविद्यालय की जमीन पर संबंधी संस्था के अनापत्ति प्रमाण पत्र के साथ खेल मैदान का निर्माण प्रस्तावित किया जाएगा। इसके अलावा किसी अन्य प्रकार की जमीन होने पर युवा कल्याण विभाग के नाम ट्रांसफर होने के बाद ही खेल मैदान का निर्माण प्रस्तावित किया जाएगा। इस संबंध में विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित कुमार सिन्हा ने निदेशक युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षा दल को पत्र भी भेज दिया है।
मिनी स्टेडियम के लिए 70 लाख | Mini Stadium
राज्य सरकार की ओर से Mini Stadium के निर्माण के लिए 70 लख रुपए की धनराशि तय की गई है। जिसमें उपकरणों की खरीद के लिए भी राशि सुनिश्चित की गई है, तो वही मिनी स्टेडियम में विभिन्न खेलों के प्रशिक्षण के लिए कम से कम एक खेल प्रशिक्षक विभाग की ओर से नियुक्त किया जाएगा। आवश्यकता के अनुसार मिनी स्टेडियम में खेल विशेष के प्रशिक्षण के लिए खेल विभाग की ओर से अस्थाई खेल प्रशिक्षक भी नियुक्त किया जा सकेगा। मिनी स्टेडियम के रखरखाव का मुख्य दायित्व इस स्टेडियम में नियुक्त खेल प्रशिक्षण का ही होगा। हर साल टूट–फुट या खेल उपकरणों के लिए 10 हजार जिला योजना से उपलब्ध कराए जाएंगे।
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