Muharram 2024 : मुहर्रम का धार्मिक महत्व और हज़रत हुसैन (र.अ.) की शहादत, इस्लामी कैलेंडर का पहला पवित्र महीना

मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है और यह धार्मिक (Muharram 2024) महत्व का महीना है। यह महीना हज़रत हुसैन (र.अ.) की शहादत के कारण विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर के चार पवित्र महीनों में से एक है। यह महीना संघर्ष, बलिदान और सहिष्णुता का प्रतीक है। मुसलमान इस महीने को अत्यधिक सम्मान के साथ मनाते हैं और हज़रत हुसैन (र.अ.) के बलिदान को याद करते हैं।

हज़रत हुसैन (र.अ.) की शहादत | Muharram 2024

हज़रत हुसैन (र.अ.) इस्लाम के पैगंबर हज़रत मुहम्मद (स.अ.व.) के नाती थे। उन्होंने अन्याय के खिलाफ कर्बला की जंग में अपने जीवन का बलिदान दिया। उनका बलिदान इस्लाम में साहस और न्याय की मिसाल है।

मुहर्रम के महत्वपूर्ण दिवस | Muharram 2024

  • यौम-ए-आशूरा: मुहर्रम की दसवीं तारीख को यौम-ए-आशूरा मनाया जाता है। यह दिन हज़रत हुसैन (र.अ.) की शहादत की याद दिलाता है। इस दिन मुसलमान उपवास रखते हैं और दुआएं करते हैं।
  • मजलिस और मातम: मुहर्रम के दौरान मुसलमान मस्जिदों और इमामबाड़ों में इकट्ठा होते हैं, जहाँ वे मजलिस सुनते हैं और हज़रत हुसैन (र.अ.) की याद में मातम करते हैं।

मुहर्रम के रिवाज और परंपराएं | Muharram 2024

मुहर्रम के महीने में विभिन्न रिवाज और परंपराओं का पालन किया जाता है। कुछ प्रमुख रिवाज इस प्रकार हैं:

  • ताज़िये का जुलूस: कई मुस्लिम समुदायों में ताज़िये का जुलूस निकाला जाता है, जिसमें लोग हज़रत हुसैन (र.अ.) की याद में झांकियाँ निकालते हैं।
  • मातमी जुलूस: इस जुलूस में लोग काले कपड़े पहनकर और छाती पीटकर मातम करते हैं।
  • नौहा और सोज़खानी: नौहा और सोज़खानी मुहर्रम के दौरान गाए जाने वाले गीत होते हैं, जो हज़रत हुसैन (र.अ.) और उनके साथियों की शहादत की याद में गाए जाते हैं।
ये भी पढ़े:  व्हाट्सएप पर आ रहा है शादी का इनविटेशन तो हो जाएं सावधान, बैंक हो सकता है खाली

मुहर्रम का सांस्कृतिक प्रभाव | Muharram 2024

मुहर्रम का महीने विभिन्न मुस्लिम देशों में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। भारत, पाकिस्तान, इरान, इराक और लेबनान में मुहर्रम की परंपराएं और रिवाज विभिन्न प्रकार के होते हैं।

मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण महीना है जो संघर्ष, बलिदान और सहिष्णुता की याद दिलाता है। हज़रत हुसैन (र.अ.) की शहादत का यह महीना मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवसर है। इस महीने में मुसलमान अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करते हैं और हज़रत हुसैन (र.अ.) के बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

यह भी पढ़े |

Remembering Imam Hussain on Ashura, the Martyrdom Anniversary

Rupa Rani
Rupa Rani

Rupa Kumari is a young journalist with 5 years of experience in digital media in Uttarakhand. Currently, she is associated with TII, where she covers Uttarakhand politics as well as lifestyle, sports, and national and international news.