NCB Raid in Pharma Company: सिडकुल स्थित जेआर फार्मा कंपनी में नशे के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली प्रतिबंधित दवाओं की बड़ी खेप पकड़ी गई है। चंडीगढ़ से आई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की टीम ने बुधवार को इस कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसमें लगभग 2.5 लाख नशीली गोलियां बरामद की गईं। छापेमारी के दौरान स्थानीय पुलिस और ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती भी मौके पर मौजूद थीं।
आपको बता दे, इस छापेमारी की सूचना मिलते ही सिडकुल स्थित अन्य कंपनियों में भी हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि चंडीगढ़ में पिछले कुछ समय पहले 60,000 प्रतिबंधित गोलियों के साथ सात तस्करों को गिरफ्तार किया गया था। उनसे मिली जानकारी के आधार पर चंडीगढ़ की टीम ने हरिद्वार की इस फार्मा कंपनी पर छापा मारा, जहां नशे की गोलियों का अवैध निर्माण हो रहा था।
नशे की गोलियों का अवैध निर्माण
चंडीगढ़ टीम को तस्करों से पूछताछ में पता चला था कि हरिद्वार स्थित जेआर फार्मा कंपनी में नशीली गोलियां बनाई जा रही थीं। इसके बाद, चंडीगढ़ से आई नारकोटिक्स टीम ने बुधवार को सिडकुल स्थित कंपनी में छापा मारा और वहां से भारी मात्रा में नशीले पदार्थों की गोलियां बरामद कीं। इस दौरान कंपनी के दो कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है।
अन्य कंपनी में भी अवैध धंधे के संकेत
जांच में यह भी पता चला कि सिडकुल की एक और कंपनी इस अवैध कारोबार में शामिल है। एनसीबी की टीम ने इस कंपनी में भी जांच शुरू कर दी है। फिलहाल, जेआर फार्मा के मालिक की तलाश जारी है, जो फरार बताया जा रहा है।
प्रतिबंध के बावजूद उत्पादन जारी था
सिडकुल स्थित जेआर फार्मा कंपनी का उत्पादन जून 2024 से प्रतिबंधित किया जा चुका था, लेकिन इसके बावजूद कंपनी ने प्रतिबंधित दवाओं का अवैध उत्पादन जारी रखा। ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया कि जून 2024 में ड्रग विभाग ने इस कंपनी का उत्पादन प्रतिबंधित कर दिया था और अब कंपनी का लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा, यह भी जांच की जाएगी कि प्रतिबंधित दवाओं का कितना उत्पादन हुआ और ये दवाइयां किन-किन राज्यों में सप्लाई की गईं।
कंपनी मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज
इस पूरे मामले में कंपनी के मालिक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन पर मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। ड्रग विभाग ने पूरे मामले की गहन जांच का आदेश दिया है ताकि इस अवैध कारोबार के सभी पहलुओं का खुलासा किया जा सके और सख्त कदम उठाए जा सकें।
यह कार्रवाई यह साबित करती है कि ड्रग विभाग और एनसीबी के अधिकारी नशे के अवैध कारोबार पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और इस तरह की घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठा रहे हैं।