12 मार्च (Protest Against China) मंगलवार को तिब्बती समुदाय की महिलाओं ने परेड ग्राउंड में इकट्ठे होकर तिब्बती महिला विद्रोह दिवस के 65वीं वर्षगांठ पर चीन के खिलाफ आक्रोश रैली निकालकर जमकर नारेबाजी की। आपको बता दें कि तिब्बती वुमेन संगठन ने इस आक्रोश रैली का आवाहन किया था इसके बाद तिब्बती समुदाय की महिलाएं परेड ग्राउंड में एकत्रित हुई।
चीन के खिलाफ आक्रोश रैली निकलते हुए तिब्बती वुमेन संगठन के आह्वाहन पर तिब्बती समुदाय की महिलाओं ने सर्वे चौक से होते हुए तिब्बती मार्केट से लैंसडाउन चौक तक रैली निकाली। इस दौरान तिब्बती महिलाओं ने चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की साथ ही हाथों में तकती लेकर भी विरोध किया। Protest Against China
क्यों खास है 12 मार्च | Protest Against China
12 मार्च 1950 का दिन तिब्बती इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है इस दिन तिब्बती महिलाएं तिब्बत की राजधानी लहास में पोटला के महल के बाहर मैदान पर चीन सरकार के दमन का विरोध करने के लिए एकत्रित हुई थी इस दिन महिलाओं के समूह के द्वारा चीन की ओर से तिब्बत पर गैरकानूनी कब्जे का विरोध किया गया था।
चीन सरकार के खिलाफ किया जा रहे विरोध के दौरान सैकड़ो तिब्बती महिलाओं की जान चली गई थी जबकि कई महिलाओं को गिरफ्तार कर कैद किया गया था । तिब्बती महिलाओं ने रैली निकालते हुए विरोध जताते हुए कहा कि पूरा समाज सभी बलिदानियों के साथ एकजुटता से खड़ा है। Protest Against China
प्रदर्शन कार्यो ने कहा कि वैश्विक तानाशाह के विरोध एकजुट होने का समय आ गया है अगर चीन को जिम्मेदार ठहरने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव नहीं डाला जाता है तो चीन के कब्जे में आए राज्यों में मानवाधिकार की स्थिति बेहद खराब हो सकती है।
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