आगामी 2 अगस्त को उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों (Protest By Guest Teachers) में पढ़ा रहे गेस्ट टीचर आंदोलन करने जा रहे हैं शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने जानकारी देते हुए कहा कि शिक्षा विभाग में खाली पदों को भरने के लिए 1000 गेस्ट टीचरों की नियुक्ति की जाएगी लेकिन गेस्ट टीचर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं ऐसे में सवाल यह है कि क्यों गेस्ट टीचर 2 अगस्त को आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं ?
सरकार के खिलाफ 2 अगस्त को गेस्ट शिक्षक करेंगे आंदोलन | Protest By Guest Teachers
उत्तराखंड में गेस्ट टीचरों का भविष्य 9 साल भी सुरक्षित नहीं है अब इसी मांग को लेकर गेस्ट टीचर 2 अगस्त से आंदोलन करने जा रहे हैं। आंदोलन करने जा रहे टीचरों का कहना है कि सरकार उन्हें भविष्य सुरक्षित करने का आश्वासन देती है लेकिन आज तक किसी भी सरकार और किसी भी शिक्षा मंत्री के रहते हुए उनका भविष्य सुरक्षित नहीं हो पाया है इसी मांग को लेकर दो अगस्त आंदोलन किया जा रहा है।
आगामी आंदोलन में उत्तराखंड के 4000 से ज्यादा गेस्ट टीचर हिस्सा लेने जा रहे हैं आपको बता दें कि वर्तमान समय में उत्तराखंड में 4000 से भी ज्यादा गेस्ट टीचर अपनी सेवाएं दे रहे हैं जिसमें से 2000 के करीब कैसे टीचर शिक्षकों के ट्रांसफर किए जाने की वजह से प्रभावित हुए हैं जिनके पास अभी नौकरी नहीं है लेकिन शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि 1000 गेस्ट टीचरों को और नियुक्त किया जाना है लेकिन राज्य में जो गैस टीचर सेवाएं दे रहे हैं वह दो अगस्त से आंदोलन करने का ऐलान कर चुके हैं।
क्यों आंदोलन करेंगे गेस्ट टीचर ? Protest By Guest Teachers
गेस्ट टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिषेक भट्ट का कहना है कि गेस्ट टीचर बेहतर परीक्षा परिणाम बोर्ड रिजल्ट में भी दे रहे हैं और इस बात को शिक्षा विभाग भी स्वीकार करता है। इसके बावजूद भी गेस्ट टीचरों के सुरक्षित भविष्य को संवारने को लेकर जो वादे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के द्वारा पिछले आंदोलन में किया गया था कि वो वादा अभी भी पूरा नहीं हुआ है। इसी मांग को लेकर आंदोलन किया जाएगा। Protest By Guest Teachers
क्या गेस्ट टीचरों की सुरक्षित भविष्य की मांग जायज नहीं ? Protest By Guest Teachers
गेस्ट टीचरों के भविष्य को संवारने को लेकर जरूर धामी सरकार के द्वारा कुछ बड़े निर्णय पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद कैबिनेट में लिए गए थे। लेकिन वो वादे शासनादेश के रूप में कुछ पूरे नहीं हो पाए। जिसमें गेस्ट टीचरों के पदों को रिक्त न मानने को लेकर भी कैबिनेट ने फैसला सुना दिया था। इसके साथ ही गेस्ट टीचरों को गृह जनपद में ही सेवा देने का भी फैसला था।
ये दोनों फैसला शासनादेश के रूप में अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। केवल वेतन बढ़ाने के फैसले पर मुहर लगी है। खुद शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत भी कबूल कर रहे हैं कि गेस्ट टीचर बेहतर परिणाम सरकारी स्कूलों में देने का काम कर रहे हैं। उनकी जो भी जायज मांगे होंगी उन्हें पूरा किया जाएगा। लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि आखिरकार क्या गेस्ट टीचरों की सुरक्षित भविष्य की मांग जायज नहीं है ? Protest By Guest Teachers
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