New World Record in Tungnath: देहरादून के श्रद्धा और अभिषेक ने 1 घंटे 27 मिनट तक प्रस्तुति देकर बनाया नया रिकॉर्ड, तुंगनाथ के बाद पंचकेदार होगा नया लक्ष्य

New World Record in Tungnath

उत्तराखंड में स्थित दुनिया के (New World Record in Tungnath) सबसे ऊंचे शिव मंदिर तुंगनाथ में श्रद्धा और अभिषेक ने इंडिया बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया अपना नाम। भरतनाट्यम और कैलीग्राफी कर दोनों युवा कलाकारों ने बनाया रिकॉर्ड। देहरादून के रहने वाले हैं दोनों कलाकार (New World Record in Tungnath) देहरादून में रहने वाले दो कलाकारों ने अपना जज्बा दिखाते हुए दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर तुंगनाथ में इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपने नाम की छाप छोड़ी। देहरादून की श्रद्धा बछेती ने भरतनाट्यम नृत्य और अभिषेक यादव ने कैलीग्राफी कर अपनी कला से भगवान शिव को प्रसन्न करने की कोशिश की। इसके बाद उनका लक्ष्य पंचकेदार में नया रिकॉर्ड बनाना है। श्रद्धालुओं द्वारा खूब उत्साह बढ़ाया गया (New World Record in Tungnath) श्रद्धा और अभिषेक दोनों ही बचपन के दोस्त हैं जो कि भगवान शिव के भक्त भी हैं। देहरादून की श्रद्धा अंतरराष्ट्रीय भरतनाट्यम नृत्यांगना है और अभिषेक भी अंतरराष्ट्रीय कैलीग्राफी आर्टिस्ट हैं। दोनों कलाकारों ने मिलकर 1 घंटे 27 मिनट तक लगातार नृत्य और कैलीग्राफी की प्रस्तुति देकर इंडिया बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया है। इस सुंदर प्रस्तुति ने वहां पहुंचे सभी श्रद्धालुओं के बीच एक नई ऊर्जा उत्पन्न कर गहरी छाप छोड़ी। 6 माह से कर रहे थे तैयारी (New World Record in Tungnath) कलाकार श्रद्धा ने जानकारी दी की उनके पैर का एक साल पहले ऑपरेशन हुआ था, जिसके कारण चिकित्सकों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी। मगर अपनी हिम्मत और जज्बे से उन्होंने 6 माह पहले से रिकॉर्ड बनाने का अभ्यास शुरू कर दिया था। तो वहीं दूसरी ओर आर्टिस्ट अभिषेक ने जानकारी दी की तुंगनाथ का बदलता मौसम उनके लिए एक बड़ी चुनौती था। दोनों ही कलाकारों ने एक साथ प्रस्तुति दी जिसके दौरान श्रद्धा ने नृत्य प्रस्तुत किया और अभिषेक ने कैनवास में कैलीग्राफी कर 108 बार ओम नमः शिवाय लिखा। आपको बता दें कि तुंगनाथ मंदिर में संगीत बजाने पर प्रतिबंध लगा है। जिस वजह से उनकी प्रस्तुति के लिए कोई संगीत नहीं बजाया गया था, बल्कि जयकारो और ढोल दामऊ की आवाज पर ही यह प्रस्तुति दी गई जो की श्रद्धालुओं के लिए एक बहुत ही अद्भुत अनुभव था। New World Record in Tungnath यह भी पढ़ें हल्द्वानी के कुछ इलाकों में 40 घंटे तक बिजली रही बंद, लोगों द्वारा ऊर्जा निगम के खिलाफ प्रदर्शन

Madmaheshwar Mandir: आज सुबह 11:15 बजे खोले मंदिर के कपाट, श्रद्धालु पहुंचे दर्शन करने

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सोमवार को पंच केदार में (Madmaheshwar Mandir) द्वितीय भगवान मद्महेश्वर मंदिर के कपाट आज 11:30 बजे भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए गए हैं। 8 क्विंटल फूलों से सजाया गया मंदिर (Madmaheshwar Mandir) बाबा मद्महेश्वर की चल उत्सव विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से मद्महेश्वर मंदिर आज सुबह 11:15 बजे पहुंची। जिसके बाद 11:30 बजे श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए कपाट खोले गए। आपको बतादें मद्महेश्वर मंदिर को पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश द्वारा 8 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। यह लोग पहुंचे डोली के साथ (Madmaheshwar Mandir) जानकारी के अनुसार डोली के साथ पूर्व ग्राम प्रधान सुमन पंवार, बीकेटीसी के पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत, शिवम कुकरेती, डोली सहायक प्रभारी दीपक पंवार, वन पंचायत सरपंच शिव सिंह पंवार, देवी शंकर त्रिवेदी, प्रकाश पंवार, प्रमोद कैशिव और लाल सिंह रावत पहुंचे। Madmaheshwar Mandir यह भी पढ़ें जंगल की आग का नया मामला आया सामने, नैनीताल में फिर जले जंगल, रात भर जलने के बाद सुबह पाया गया आग पर काबू

Kedarnath Dham: केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के खुले कपाट, सीएम धामी ने किए दर्शन, 20 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया गया केदारनाथ मंदिर

Kedarnath Dham

उत्तराखंड में चारधाम के कपाट (Kedarnath Dham) खुलने को लेकर लोगों में उत्साह दिखाई दे रहा है। आज श्रद्धालुओं के लिए केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट खोल दिए गए हैं। सुबह 7:00 श्रद्धालुओं के लिए खोले गए केदारनाथ धाम के कपाट (Kedarnath Dham) आज सुबह पूरी विधि- विधान के साथ 7:00 केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए। कपाट खोलने के दौरान हेलीकॉप्टर द्वारा पुष्प वर्षा भी की गई। श्रद्धालु के जयकारों की गूंज के साथ बाबा केदार की पंचमुखी डोली केदारनाथ पहुंची। साथ ही यमुनोत्री धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए हैं। जानकारी के अनुसार केदारनाथ मंदिर को 20 क्विंटल से ज्यादा फूलों से सजाया गया है। सुबह 10:29 पर खुले यमुनोत्री के कपाट (Kedarnath Dham) आपको बता दें की कल शाम केदारनाथ के दर्शन से पहले ही 16,000 से ज्यादा श्रद्धालु पहले दिन केदारपुरी पहुंच गए थे। वहीं दूसरी तरफ केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद ही यमुनोत्री धाम के कपाट भी सुबह 10:29 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। यमुनोत्री के बाद गंगोत्री धाम के कपाट भी 12: 25 बजे खुल गए हैं। इस साल चारधाम पंजीकरण के आंकड़ों को देखते हुए राज्य सरकार को चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं का नया रिकॉर्ड बनने की पूरी उम्मीद है। मुख्यमंत्री धामी भी परिवार के साथ केदार धाम पहुंचे (Kedarnath Dham) आज सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी पत्नी के साथ बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे। कपाट खुलने के समय हक-हकूकधारी सहित केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी शिवशंकर लिंग, संस्कृति एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष मधु भटृट, मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, वीरेंद्र असवाल, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माचार्य औकार शुक्ला, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, विश्वमोहन जमलोकी स्वयंबंर सेमवाल, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, कुलदीप धर्म्वाण, देवानंद गैरोला, आदि मौजूद रहे। कपाट खुलने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बीते यात्राकाल में रिकार्ड तीर्थ यात्री श्री केदारनाथ धाम पहुंचे। इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी जिसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार और मंदिर समिति यात्री सुविधाओं हेतु प्रतिबद्ध है। Kedarnath Dham यह भी पढ़ें उत्तराखंड के सेन बंधु पहुंचे विश्व रैंकिंग की टॉप 100 लिस्ट में, पेरिस ओलंपिक की तैयारी

Chardham Uttarakhand: 10 मई को खुलेंगे तृतीय तुंगनाथ महादेव मंदिर के कपाट, द्वितीय केदार भवन मद्महेश्वर के कपाट 20 मई को खुलेंगे

Chardham Uttarakhand

उत्तराखंड में (Chardham Uttarakhand) द्वितीय केदार भवन मद्महेश्वर और तृतीय कपाट तुंगनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि तय कर दी गई है। मई के महीने में दोनों धामों के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। पंच केदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और मरकटेश्वर मंदिर मक्कू में विशेष पूजा– अर्चना के बाद मंदिर के कपाट खुलने की तिथि घोषित की गई। द्वितीय केदार भवन मद्महेश्वर के कपाट इस वर्ष 20 मई को खुलेंगे, इसी के साथ तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट 10 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। जानिए उत्तराखंड के तुंगनाथ महादेव मंदिर के बारे में (Chardham Uttarakhand) तुंगनाथ महादेव मंदिर विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित शिव धाम है। यह रुद्रप्रयाग जिले में समुद्र की सतह से 3,680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। तुंगनाथ मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ भगवती, उमा देवी और 11 लघु देवियां भी पूजी जाती हैं। आपको बता दें की मई के महीने में तुंगनाथ का डोला या दिवारा निकाला जाता है, जो की पंचकोटि गांव का फेरा लगाता है। इस डोले के साथ गाजे– बाजे और निसाण भी होते हैं। मान्यता के अनुसार तुंगनाथ मंदिर में भगवान शिव के बाहु यानी भुजा की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि रावण ने इसी स्थान पर तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था और इसके बदले में शिव जी ने उसे अतुलनीय भुजाबल दिया था। इस घटना के प्रतीक रूप में यहां पर रावणशिला और रावण मठ भी है। तुंगनाथ मंदिर में महाभारत से भी जुड़ी कई कहानियां है। जानिए उत्तराखंड के शिव मंदिर मद्महेश्वर के बारे में (Chardham Uttarakhand) मद्महेश्वर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में ऊखीमठ के पास स्थित है। यहां शिव की पूजा नाभी लिंगम के रूप में की जाती है। मद्महेश्वर के बारे में कहा जाता है कि यहां की पवित्र जल की चंद बूंदे ही मोक्ष के लिए काफी है। ऐसा भी कहा जाता है कि जो इंसान भक्ति या बिना भक्ति के भी मद्महेश्वर के महात्म्य को सुनता या पढ़ता है उसे बिना कोई और चीज करे शिव के धाम की प्राप्ति हो जाती है। मान्यता है कि कोई भी अगर यहां पिंडदान करता है तो उसकी सौ पुश्तें तक तर जाती हैं। Chardham Uttarakhand यह भी पढ़ें पर्वतीय क्षेत्रों में 13 अप्रैल से बारिश का येलो अलर्ट जारी, लगातार बदल रहा है मौसम

Vishwanath Dham Mandir: 4 मार्च को लाया जायेगा कलश, विश्वनाथ मंदिर का पूरा हुआ जीर्णोद्धार कार्य |

Vishwanath Dham Mandir

केदारनाथ धाम में स्थित (Vishwanath Dham Mandir) विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी का जीर्णोद्धार आधार का कार्य पूरा हो गया है जिसके बाद 4 मार्च को यहां पूजा के बाद मंदिर में कलश लाया जाएगा तो वहीं चार धाम यात्रा को लेकर मंदिर में रंग रोगन का कार्य पूरा हो गया है। फरवरी में पहले हफ्ते में दिल्ली के दानी डाटा दिनेश कनोडिया के द्वारा किए गए सहयोग से तृतीया के तार तुंगनाथ के बाद विश्वनाथ मंदिर का जीवन उधर कार्य शुरू किया गया था जिसके बाद विश्वनाथ मंदिर के ऊपर लगी छतरी के चिन्ह उधर का कार्य के लिए शीर्ष कलश को एक हक धारी की उपस्थिति में उतरकर मंदिर के अंदर सुरक्षित रखा गया था इसके बाद पुरानी छतरी के बदले नई छतरी बनाकर इसे मंदिर में लगा दिया गया है। Vishwanath Dham Mandir 4 मार्च को लाया जायेगा कलश | Vishwanath Dham Mandir 4 मार्च को पूजा अर्चना करने के बाद मंदिर के कलश को वापस लाया जाएगा विश्वनाथ मंदिर प्रबंधक भगवती स्वयंवर ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर की छतरी का जीवन आधार कार्य लगभग पूरा हो गया है साथ ही मंदिर में रंग रोगन का कार्य भी पूरा हो गया है। आगामी 4 मार्च को कटक के अध्यक्ष राजेंद्र अजय की ओर से मंदिर के पास भैरव मंदिर के लिए जमीन भूमि पूजन और शिलान्यास भी किया जाएगा इसी दिन मुख्यमंत्री की छतरी पर कलश को भी लगाया जाएगा। Vishwanath Dham Mandir यह भी पढ़े | रिश्वत लेते हुए पकड़े गए 2 कर्मचारी, सीबीआई ने रंगे हाथों किया गिरफ्तार |