Traffic and Transport Strictness in Dehradun: देहरादून में अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट और ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए तकनीक का सहारा लिया जाएगा। परिवहन विभाग एक ऐसा मोबाइल ऐप तैयार कर रहा है जिसमें शहर के सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहनों की जानकारी होगी। यह ऐप आम नागरिकों के लिए भी उपलब्ध रहेगा, जिससे उन्हें रूट और वाहनों की स्थिति का पता चल सकेगा।
RTO ऑफिस में भी आएगा डिजिटल बदलाव
आपको बता दें, आरटीओ में अब डिजिटल टोकन सिस्टम शुरू किया जा रहा है, जिससे लाइसेंस और पंजीकरण के लिए लोगों को घंटों लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। बुधवार को आरटीओ-प्रशासन संदीप सैनी और आरटीओ-प्रवर्तन डॉ. अनीता चमोला ने प्रेसवार्ता में इन योजनाओं की जानकारी दी।
शहर में कई कॉम्प्लेक्स ऐसे हैं जिनके बेसमेंट का उपयोग पार्किंग के लिए नहीं किया जा रहा। ऐसे स्थानों को चिन्हित कर उनकी सूची प्रशासन को दी जाएगी ताकि वहां वाहन पार्क कर सड़क से दबाव कम किया जा सके।
मैकेनिकों पर निगरानी
इसके साथ ही, जिन स्थानों पर मैकेनिक सड़कों पर ही गाड़ियां सुधारते हैं और ट्रैफिक बाधित करते हैं, अब उन पर भी कार्रवाई होगी। अधिकारियों के अनुसार, यातायात व्यवस्था में बाधा डालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
आईएसबीटी और शहर के प्रमुख चौराहों पर स्टॉपेज प्वाइंट तय किए जाएंगे। इसके अलावा, वाहनों में लगाए गए ट्रैकिंग सिस्टम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे तय रूट पर ही चलें। नियम तोड़ने वाले चालकों पर सीधी कार्रवाई होगी।
फैंसी नंबरों की बुकिंग में होगी पारदर्शिता
अब कोई भी व्यक्ति अपनी पसंद का ‘फैंसी नंबर’ होल्ड नहीं कर सकेगा, क्योंकि नई सीरीज शुरू होते ही कुछ लोग नंबर आरक्षित कर लेते थे, जिससे आम लोगों को मनचाहा नंबर नहीं मिल पाता था। इस प्रणाली को अब एनआईसी की मदद से समाप्त किया जा रहा है। साथ ही, शहर में सेकंड हैंड वाहन बेचने वालों के लिए परिवहन विभाग ने लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है। अभी तक केवल 15 विक्रेताओं ने ही लाइसेंस लिया है, जबकि बाकी पर कार्रवाई की तैयारी है। विभाग जल्द ही सर्वे करेगा और बिना लाइसेंस दुकानदारों को नोटिस भेजा जाएगा। तय समयसीमा में लाइसेंस न लेने पर ऐसी दुकानें सील कर दी जाएंगी।
अब झाझरा नहीं, दोपहिया डीएल टेस्ट यहीं
अब दोपहिया वाहनों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट आरटीओ कार्यालय में ही लिया जाएगा। इससे आवेदकों को झाझरा नहीं जाना पड़ेगा। इसके साथ ही, रैश ड्राइविंग करने वालों की काउंसलिंग की जाएगी और उनके घर जाकर वाहन सीज किए जाएंगे। स्टंटबाजों की वीडियो रिकॉर्डिंग कर सोशल मीडिया पर कार्रवाई की रीलें भी पोस्ट की जाएंगी, ताकि दूसरों को भी सबक मिले।
