1500 Ward Boys Recruitment Announcement: उत्तराखंड बजट सत्र के दौरान स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के द्वारा बड़ी घोषणा की गई हैI स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने सदन में बताया कि उत्तराखंड में 60 दिनों के अंदर 1500 वार्ड बॉयज की भर्ती की जाएगी। साथी उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को भी 3 साल के अंदर दूर किया जाएगा।
अस्पताल के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा खानपुर, डोईवाला, रायपुर, सितारगंज समेत कई जगहों पर च को उच्चकृत करके नए अप चिकित्सालय बनाए जा रहे हैं, जिसमें एमबीबीएस के 275 बैकलॉग के पदों को भर्ती करने के लिए भी जल्द से जल्द विज्ञप्ति जारी की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने की घोषणा
1.मोतियाबिंद ऑपरेशन, टीबी और एनीमिया का निशुल्क इलाज: डॉ. रावत ने बताया कि राज्य सरकार ने मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए विशेष कार्यक्रम चलाया है, जिसमें न केवल ऑपरेशन बल्कि इसके बाद चश्मा और यात्रा का खर्च भी निशुल्क किया जाता है। इस योजना के तहत पहाड़ों के दूर-दराज के इलाकों में मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए जा रहे हैं।
इसके अलावा, सरकार ने टीबी और एनीमिया के इलाज के लिए निशुल्क इलाज प्रदान करने की योजना बनाई है। टीबी की मुफ्त जांच और इलाज के साथ ही एनीमिया के मामलों पर भी ध्यान दिया जा रहा है, ताकि इन बीमारियों से जूझ रहे लोगों को सही समय पर उपचार मिल सके।
2. स्वास्थ्य योजनाओं की सफलता: डॉ. रावत ने बताया कि राज्य सरकार की 272 फ्री जांच योजना के तहत एक साल में 26,77,811 लोगों की निशुल्क जांच की गई है। यह योजना गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है, क्योंकि इससे उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं बिना किसी लागत के मिल रही हैं।
पर्वतीय क्षेत्रों में 1,51,007 संस्थागत प्रसव कराए गए, जिससे मातृ और शिशु स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।
3. टीबी उन्मूलन: स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि टीबी उन्मूलन के दिशा में राज्य ने बड़ी सफलता हासिल की है, और 5000 से ज्यादा गांवों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है। उनका लक्ष्य 2025-26 तक पूरे राज्य को टीबी मुक्त बनाना है। इसके लिए राज्य सरकार ने घर-घर टीबी जांच के लिए गाड़ियां भी रवाना की हैं, ताकि टीबी के मामलों का शीघ्र पता चल सके और इलाज सुनिश्चित किया जा सके।
4. शिक्षकों की कमी दूर करने के प्रयास: डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए पाँच सरकारी मेडिकल कॉलेजों में छात्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है। वर्तमान में 650 छात्रों में से 50 प्रतिशत छात्र बांड पर पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से अधिकतर छात्र पहाड़ों में सेवा देंगे। इसके अलावा, राज्य सरकार ने पीजी के लिए 204 छात्रों को दाखिला दिया है, और आगामी वर्षों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी पूरी करने के लिए रोडमैप तैयार किया है। उन्होंने बताया कि अगले तीन वर्षों में राज्य में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी पूरी हो जाएगी और इनमें से 80 प्रतिशत छात्र अपनी पीजी की पढ़ाई खत्म करने के बाद राज्य में लौटकर सेवा देंगे।
5. हरिद्वार मेडिकल कॉलेज: स्वास्थ्य मंत्री ने विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए बताया कि हरिद्वार मेडिकल कॉलेज फिलहाल पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में संचालित नहीं हो रहा है। यह जानकारी दी कि मेडिकल कॉलेजों को संचालित करने के विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, लेकिन फिलहाल यह पीपीपी मोड में नहीं है।