उत्तराखंड के गैर (Non Government Teachers) सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को भी अब सरकारी स्कूलों की तरह तबादले किए जायेंगे। जिसके लिए सरकार अधिनियम में बदल बदलाव करने जा रही है, इसकी जानकारी देते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार चाहती है कि राज्य में कार्मिक के लिए एक समान नीति लागू की जाए। प्रदेश के गैर सरकारी स्कूलों में वर्तमान में तबादले की व्यवस्था नहीं है।
राज्य के गैर सरकारी स्कूलों में जिस विद्यालय में शिक्षक नियुक्त किए जाते हैं, उसी स्कूल से सेवानिवृत्ति भी होते हैं। हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों में उनका पारस्परिक तबादला किया जा सकता है। राज्य सरकार अब सरकारी स्कूलों की तरह ही गैर सरकारी स्कूलों में भी शिक्षकों को इधर से उधर करने की तैयारी में है। शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत के अनुसार अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों को सरकार ने तीन ऑप्शन दिए हैं।Non Government Teachers
- पहला यह है कि यदि कोई स्कूल प्रबंधन स्कूल नहीं चला पा रहे हैं तो वह स्कूल सरकार को दे दिया जाए, सरकार उन स्कूलों को चलाएगी।
- दूसरा यह है कि जो संस्था स्कूल चलना चाहती है और यह भी चाहती है कि सरकार से अनुदान मिलता रहे, उन गैर सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती विद्यालय प्रबंधन नहीं बल्कि सरकार करेगी।
- तीसरा यह की जिन स्कूल प्रबंधन या कर संस्था को सरकार की यह दोनों विकल्प पसंद नहीं है वह अपने स्कूल को निजी स्कूल के रूप में चला सकते हैं।
शिक्षक की वेतन के बारे में जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री ने बताया कि एहसास के स्कूलों में शिक्षक और कर्मचारी के तनख्वाह के रूप में पूरा पैसा सरकार देती है, लेकिन अभी किसी स्कूल को अनुदान की श्रेणी में लाया जाता है तो उसे स्कूल को एक साथ 10 लाख रुपए दिए जाएंगे।Non Government Teachers
तबादलों पर ही मिलेगा केंद्र से शिक्षा का पैसा | Non Government Teachers
केंद्र सरकार के द्वारा समग्र शिक्षा का पैसा केवल उन्हीं राज्यों को देगी, जहां तबादलों में प्रदर्शित होगी। धीरे-धीरे सभी राज्य ऑनलाइन तबादले कर रहे हैं। उत्तराखंड में भी विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन तबादले किए जाएंगे। इससे तबादलों में पारदर्शिता आएगी। छात्रों, शिक्षकों की उपस्थिति और छुट्टी सब इसके माध्यम से दर्ज की जाएगी।
उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ करेगा एक्ट में बदलाव का विरोध | Non Government Teachers
उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय संरक्षक ने सरकार के द्वारा अधिनियम में किया जा रहे बदलाव के खिलाफ विरोध जताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि अशासकीय विद्यालयों के एक्ट में वर्तमान में तबादलों की व्यवस्था नहीं है। यदि ऐसा किया जा रहा है तो सरकार को सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की तरह ही गैर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को भी सभी सुविधाएं देनी होंगी, तभी यह बदलाव स्वीकार किया जाएगा।