उत्तराखंड का नैनीताल जो एक पर्वतीय पर्यटन स्थल है अब भारी वायु प्रदूषण (Air Pollution in Uttarakhand) की मार झेल रहा है। नैनीताल में बढ़ता हुआ पॉल्यूशन एक चिंता का विषय है ।
बढ़ते पर्यटन से बढ़ रहा प्रदूषण (Air Pollution in Uttarakhand)
आपको बता दे तपतपाती धूप के चलते देश भर के पर्यटक पहाड़ी क्षेत्र की तरफ अपना रुख कर रहे हैं। जिसके चलते सभी लोग उत्तराखंड में अपनी गाड़ियों समेत आ रहे हैं, जिससे पर्वतीय क्षेत्रों खासकर पर्यटक स्थलों का प्रदूषण स्तर बहुत ही ज्यादा बढ़ता चला जा रहा है। जानकारी के अनुसार नैनीताल की हवा में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा पाया गया।
उत्तराखंड में लगातार बढ़ता जा रहा प्रदूषण (Air Pollution in Uttarakhand)
दिल्ली एनसीआर के साथ देश के सभी बड़े शहरों में बढ़ता हुआ प्रदूषण एक चिंता का विषय बना हुआ है। इसके बाद अब यह उत्तराखंड वासियों के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गया है। बढ़ते प्रदूषण के कारण उत्तराखंड का जलवायु परिवर्तन होता चला जा रहा है जो कि इस बार पड़ती कड़ाके की धूप ने सभी को दर्शाया।
आपको बता दें पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल में नैनीताल का पीएम 10 का स्तर 15 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ गया है। यह उत्तराखंड के पर्यावरण के लिए एक खतरनाक संकेत है।
वहीं उत्तराखंड के चमोली जिले के गोपेश्वर की हवा में प्रदूषण की मात्रा सबसे कम पाई गई है।
देहरादून में वायु प्रदूषण पहुंचा चरम सीमा पर (Air Pollution in Uttarakhand)
उत्तराखंड में तेजी से प्रदूषण बढ़ने का एक बड़ा कारण यहां हो रहा खनन कारोबार हो सकता है। इसके चलते मैदानी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण देहरादून में सबसे ज्यादा और काशीपुर में सबसे कम है। आपको बता दे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के हिसाब से पहाड़ के सभी शहरों में हर साल हवा का प्रदूषण तेजी से बढ़ता जा रहा है। नैनीताल और अन्य जिलों में बढ़ते पर्यटकों के वाहनों की बढ़ती आवाजाही वायु प्रदूषण बढ़ने का एक प्रमुख कारण बना हुआ है। Air Pollution in Uttarakhand
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