Harela : हरेला पर्व का महत्व और इतिहास, मुख्य रूप से कृषि से जुड़ा पर्व

हरेला पर्व उत्तराखंड का एक महत्वपूर्ण और प्रमुख पर्व (Harela) है, जो हर साल सावन मास के पहले दिन बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व प्रकृति, कृषि, और पर्यावरण के प्रति आदर और सम्मान का प्रतीक है। हरेला शब्द का अर्थ ‘हरियाली’ होता है, जो इस पर्व के मूल उद्देश्य को दर्शाता है – प्रकृति की हरियाली और समृद्धि को मनाना।

हरेला पर्व का इतिहास | Harela

हरेला पर्व की उत्पत्ति और इतिहास को लेकर कई मान्यताएँ हैं। यह पर्व मुख्य रूप से कृषि से जुड़ा हुआ है और इसे कृषि का नया वर्ष माना जाता है। यह पर्व हमारे पूर्वजों द्वारा प्रकृति और कृषि के महत्व को समझाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस दिन को नई फसल की बुआई के साथ जोड़कर देखा जाता है, जब किसान अपने खेतों में नए बीज बोते हैं और आने वाली फसल के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व | Harela

हरेला पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी अत्यधिक है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। लोग अपने घरों में तुलसी, धान, जौ, और अन्य बीजों को बर्तन में बोते हैं और इनकी देखभाल करते हैं। दस दिनों के बाद, इन बीजों से उगी हरी पौधों को परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर रखा जाता है, जो समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।

पर्यावरण संरक्षण का संदेश | Harela

हरेला पर्व पर्यावरण संरक्षण का महत्वपूर्ण संदेश भी देता है। इस दिन लोग पेड़-पौधों को लगाते हैं और उनकी देखभाल करने का संकल्प लेते हैं। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि हमें प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और पर्यावरण को संरक्षित करना चाहिए।

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हरेला पर्व की परंपराएँ | Harela

हरेला पर्व के दौरान उत्तराखंड के लोग कई पारंपरिक रीतियों और रिवाजों का पालन करते हैं। महिलाएँ घर के आँगन में रंगोली बनाती हैं और घर को फूलों से सजाती हैं। इस दिन विशेष पकवान बनाए जाते हैं और परिवार के सभी सदस्य मिलकर इस पर्व का आनंद लेते हैं।

हरेला पर्व उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं का अभिन्न हिस्सा है। यह पर्व हमें प्रकृति के महत्व को समझने और उसे संरक्षित करने की प्रेरणा देता है। हरेला पर्व का इतिहास, महत्व और इसकी परंपराएँ हमें हमारे सांस्कृतिक धरोहर की याद दिलाती हैं और हमें इसे संजोने की प्रेरणा देती हैं। Harela

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Rupa Rani
Rupa Rani

Rupa Kumari is a young journalist with 5 years of experience in digital media in Uttarakhand. Currently, she is associated with TII, where she covers Uttarakhand politics as well as lifestyle, sports, and national and international news.