Administration Carelessness In Dehradun: उत्तराखंड से प्रशासन की लापरवाही की एक और खबर सामने आ रही है। देहरादून के कंडोली गांव की रहने वाली सोनी भंडारी को कंप्यूटर प्रोग्रामर की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन और सिलेक्शन होने के बावजूद बीते 10 सालों से नियुक्ति पत्र का इंतजार है।
साल 2015 में देहरादून की निवासी सोनी भंडारी ने कंप्यूटर प्रोग्राम की परीक्षा दी थी यह परीक्षा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की ओर से आयोजित कराई गई थी जिसमें सोनी ने 78.75% के साथ महिला कैटेगरी में तीसरा स्थान हासिल किया था। इसके बाद उन्हें नियुक्ति पत्र का इंतजार था जो कि आज तक नहीं मिला है।
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल परीक्षा पास करने के बाद सोनी भंडारी को नियुक्ति पत्र का इंतजार था लेकिन विभाग की ओर से रिजेक्शन का लेटर मिला जब विभाग से रिजेक्शन का कारण पूछा गया तो ओ लेवल का डिप्लोमा विज्ञप्ति पर मांगे गए डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन के समक्ष नहीं होना बताया गया इसके बाद सोनी भंडारी और उनके पति ने शासन के तकनीकी शिक्षा सचिव से बात की।
तत्कालीन तकनीकी शिक्षा सचिव आरके सुधांशु ने इस मामले की जानकारी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से मांगी जिस पर परिषद के द्वारा स्पष्ट तौर पर बताया गया कि ओ लेवल डिप्लोमा को डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशंस यानी डीसीए के समक्ष ही माना गया है लेकिन सोनी भंडारी को तकनीकी शिक्षा विभाग से नियुक्ति नहीं मिली। इसके बाद सोनी भंडारी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद हाई कोर्ट ने साल 2019 में इस मामले को त्वरित रूप से निपटान करने के निर्देश दिए।
अब यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में है क्योंकि सोनी भंडारी और उनके पति सत्येंद्र नेगी ने उत्तराखंड के मौजूदा तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल के पास गुहार लगाई हैI इसके बाद तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव को मामले को देखने और जल्द इस पर ठोस कार्यवाही करने के निर्देश तकनीकी शिक्षा मंत्री के द्वारा दिए गए हैं।