कौन है कर्पूरी ठाकुर, जिन्हे मरने के बाद किया जा रहा भारत रत्न से सम्मानित | Bharat Ratna will Be Give to Karpuri Thakur

दो बार बिहार (Karpuri Thakur) के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर को भारत सरकार ने मरने के बाद भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला किया है। राष्ट्रपति भवन की ओर से यह ऐलान जननायक कहे जाने वाले कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती से एक दिन पहले किया गया। कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी, 1924 को समस्तीपुर के पितोंझिया (अब कर्पूरीग्राम) में हुआ था। दो बार सीएम रहने के साथ ही वह एक बार उपमुख्यमंत्री और कई दशक तक विधायक और नेता प्रतिपक्ष भी रहे। इस वर्ष पूर्व सीएम की जन्मशती के उपलक्ष्य में बिहार में तीन दिवसीय समारोह आयोजित किया जा रहा है।

वर्षों से हो रही थी भारत रत्न की मांग | Bharat Ratna will Be Give to Karpuri Thakur

Karpuri Thakur के लिए भारत रत्न की मांग वर्षों से की जा रही है। पिछले साल 12 जुलाई को बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष के अवसर पर एक कार्यक्रम में बोलते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने ठाकुर के लिए भारत रत्न की मांग की थी। ठाकुर एक विशाल समाजवादी आइकन हैं, जिनका अक्सर राज्य के नेताओं द्वारा जिक्र किया जाता है। जिस कार्यक्रम में तेजस्वी यादव ने ठाकुर के लिए भारत रत्न की मांग की थी, उस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे लेकिन उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की थी।

उन्होंने कर्पूरी के साथ-साथ राज्य के अन्य दिग्गजों जैसे बिहार आंदोलन के प्रणेता जयप्रकाश नारायण और राज्य के पहले सीएम श्रीकृष्ण सिन्हा का भी उल्लेख किया था। तेजस्वी की मांग पहली बार नहीं थी, राजद और जद (यू) लगभग हर साल ठाकुर की जन्म और मृत्यु वर्षगांठ के समय अपील करते रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार द्वारा शुरू की गई कुछ योजनाओं पर ठाकुर की समाजवादी राजनीति की छाप दिखाती हैं – चाहे वह स्नातकोत्तर तक लड़कियों के लिए स्कूल की फीस माफ करना हो या पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करना हो। लेकिन ठाकुर की विरासत में ऐसा क्या है जो राजनीतिक दलों को दावा पेश करने के लिए कतार में खड़ा कर देता है।

Karpuri Thakur की जयंती पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से लेकर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) तक, सब अपने-अपने स्तर पर इसे लेकर आयोजन कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार के एक फैसले ने बिहार की सियासत में खलबली मचा दी. कर्पूरी की जयंती से कुछ ही घंटे पहले केंद्र सरकार ने मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया है. कर्पूरी ठाकुर नाई यानी हज्जाम जाति से आते थे जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में आती है.

Karpuri Thakur को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने के फैसले से केंद्र सरकार ने बिहार में पिछले 30 साल से पिछड़े और अति पिछड़ों की यानी ‘मंडल’ की राजनीति करने वाले आरजेडी प्रमुख लालू यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने जबरदस्त चुनौती पेश कर दी है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है मगर जिस तरीके से प्रधानमंत्री मोदी ने दो दिनों के अंदर बैक टू बैक कमंडल और मंडल की राजनीति की है, उससे बिहार की राजनीति में जबरदस्त हलचल है।

यह भी पढ़े |

धामी सरकार 50 हजार छात्राओं को देने जा रही सौगात, साइकिल के साथ खाते में आएंगे 2850 रुपए, जाने क्या है शर्त |

Rupa Rani
Rupa Rani

Rupa Kumari is a young journalist with 5 years of experience in digital media in Uttarakhand. Currently, she is associated with TII, where she covers Uttarakhand politics as well as lifestyle, sports, and national and international news.