Cyber Attack In Uttarakhand: उत्तराखंड में हाल ही में हुए सबसे बड़े साइबर अटैक के बाद से स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। 50 घंटे बीत जाने के बावजूद सरकारी कामकाज सामान्य नहीं हो पाया है। राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) इस संकट से बाहर निकलने के लिए प्रयासरत है, लेकिन अब तक कोई सफल परिणाम नहीं मिल पाया है।
- सरकारी वेबसाइटों और एप्स का ठप होना: 50 घंटे से उत्तराखंड की लगभग 90 सरकारी वेबसाइटें और मोबाइल एप पूरी तरह से बंद हैं। इस साइबर हमले ने राज्य के आईटी सिस्टम को ठप कर दिया है, जिससे सरकारी कार्यों में भारी बाधा आई है।
- विशेषज्ञों की टीमों का जुटान: इस संकट से निपटने के लिए आईटीडीए के साथ-साथ राज्य और केंद्र सरकार की विशेषज्ञ टीमें भी सक्रिय हैं। इन टीमों का मुख्य उद्देश्य साइबर हमले का कारण और इसके स्रोत की पहचान करना है।
- डाटा की सुरक्षा: आईटीडीए की निदेशक, नितिका खंडेलवाल, ने बताया कि अब तक पूरा डाटा सुरक्षित है, जिससे कुछ राहत की सांस ली जा सकती है।
- ट्रायल रन की तैयारी: आईटीडीए ने घोषणा की है कि वे शनिवार को सभी वेबसाइटों का ट्रायल रन शुरू करेंगे, जिससे उम्मीद है कि इस समस्या का समाधान निकाला जा सकेगा।
स्थिति की गंभीरता
इस साइबर हमले के परिणामस्वरूप, न केवल सरकारी कार्य बाधित हुए हैं, बल्कि जनता को भी कई प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। ऑनलाइन सेवाओं की अनुपलब्धता ने नागरिकों की दैनिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
आगे की कार्रवाई
साइबर हमले की जांच और इसकी रोकथाम के लिए विशेषज्ञ टीमें लगातार काम कर रही हैं। यह आवश्यक है कि सटीक जानकारी और प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में इस तरह के हमलों से बचा जा सके। इस संकट के समय में, उत्तराखंड की सरकार को तेज़ी से उपाय करने की आवश्यकता है, ताकि सेवाएं पुनः सुचारू हो सकें और नागरिकों को राहत मिल सके।
यह भी पढ़ें |
साइबर ठगों के हौसले बुलंद, डीएम का बनाया फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट, और फिर…….