FSSAI Action On Adulterated Sweets: होली के त्योहार के दौरान आम जनता को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSSAI) ने प्रदेशभर में मिलावटखोरों के खिलाफ विशेष अभियान शुरू कर दिया है। यह कदम उन खाद्य उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जो आमतौर पर इस पर्व पर खाए जाते हैं, जैसे दूध, मावा, पनीर और खोया। इन उत्पादों की मिलावट से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, खासतौर पर त्योहारों के दौरान जब इनका सेवन अधिक होता है।
विशेष रूप से संवेदनशील जिलों जैसे देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में इन खाद्य पदार्थों की जांच को प्राथमिकता दी जा रही है, जहां खाद्य सुरक्षा की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस संबंध में विस्तृत एसओपी (Standard Operating Procedure) जारी किया है, जिसमें संबंधित अधिकारियों को मिलावटखोरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
आयुक्त ने यह भी बताया कि खाद्य सैंपलों की प्राथमिकता से जांच की जाएगी और यदि किसी उत्पाद में मिलावट पाई जाती है, तो दोषी मिलावटखोरों और विक्रेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई में पांच लाख तक का जुर्माना और छह साल तक की सजा हो सकती है।
होली के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा के संबंध में एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसके तहत विभाग ने सभी अभिहित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों में खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम-2006 और नियम 2011 के तहत मिलावटी खाद्य पदार्थों के निर्माताओं, थोक विक्रेताओं, आपूर्तिकर्ताओं और फुटकर विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही गई है।