ITDA Starts Drone Corridor Project: उत्तराखंड में अब हेलिकॉप्टर के साथ-साथ ड्रोन और जायरोकॉप्टर भी उड़ान भर सकेंगे। इसके लिए अमेरिका की एक कंपनी राज्य में हवाई रास्ते (कोरिडोर) तय करने का काम करेगी। कंपनी ने आईटीडीए (ITDA) अधिकारियों के सामने अपना प्रस्ताव रखा है।
रेड जोन की वजह से रुकी थी प्रक्रिया
दरअसल, उत्तराखंड में ड्रोन कोरिडोर बनाने की कोशिश पहले भी हुई थी, लेकिन राज्य के सीमावर्ती इलाके होने की वजह से कई “रेड जोन” हैं, जहाँ ड्रोन उड़ाना मना है। इसी कारण अब तक कोई तय रास्ता नहीं बन पाया था। अब आईटीडीए ने फिर से काम शुरू किया है और कंपनियों से नए प्रस्ताव मांगे हैं।
अमेरिकी कंपनी का नया प्रस्ताव
अमेरिका की इस कंपनी ने न सिर्फ ड्रोन बल्कि जायरोकॉप्टर के लिए भी रास्ते तय करने की बात कही है। कंपनी का कहना है कि हेलिकॉप्टर, ड्रोन और जायरोकॉप्टर तीनों के लिए अलग-अलग उड़ान रूट बनाए जाएंगे, जिससे सुरक्षा बढ़ेगी। यह सिस्टम अमेरिका समेत कई देशों में पहले से चल रहा है।
ड्रोन कोरिडोर के फायदे:
आपदा के समय दवाइयां और राहत सामग्री जल्द पहुंचाई जा सकेगी।
ड्रोन से नुकसान की सही जानकारी जल्दी मिल पाएगी।
जायरोकॉप्टर से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
ड्रोन से एक जिले से दूसरे जिले तक चीजें पहुंचाना आसान होगा।
आपको बता दें, आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि कंपनी का चयन करने की प्रक्रिया चल रही है।