Rules Change Of Birth Certificate Making: भारत सरकार ने जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) से संबंधित नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो विशेष रूप से उन लोगों के लिए हैं जिनके पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है या जिनके प्रमाण पत्र में कोई गलती है। यह बदलाव नागरिकों को यह सुनिश्चित करने का अवसर देता है कि उनके दस्तावेज़ सही और अपडेटेड हों।
जन्म प्रमाण पत्र क्यों जरूरी है?
बर्थ सर्टिफिकेट एक अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो किसी व्यक्ति की पहचान, जन्म तिथि, जन्म स्थान, और माता-पिता की जानकारी को प्रमाणित करता है। यह दस्तावेज़ कई सरकारी योजनाओं और लाभों के लिए अनिवार्य होता है, जैसे:
- सरकारी योजनाओं, पेंशन, और स्कॉलरशिप के लिए
- पासपोर्ट और वीजा आवेदन के लिए
- अन्य पहचान संबंधित कार्यों में
नियमों में बदलाव क्यों किया गया?
पहले जन्म प्रमाण पत्र को जन्म के 15 साल तक बनवाया जा सकता था, लेकिन अब सरकार ने इस उम्र सीमा को हटा दिया है। इसका मतलब है कि अब कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में अपना जन्म प्रमाण पत्र बनवा सकता है या उसमें सुधार करवा सकता है। पहले, बर्थ सर्टिफिकेट अपडेट करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 निर्धारित की गई थी, जिसे अब बढ़ाकर 27 अप्रैल 2026 कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर आप 27 अप्रैल 2026 तक अपना जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनवाते या अपडेट नहीं करते, तो उसके बाद उसमें कोई संशोधन नहीं हो सकेगा।
नया जन्म प्रमाण पत्र कैसे बनवाएं?
- ऑनलाइन आवेदन:
आप भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं: https://dc.crsorgi.gov.in/crs - ऑफलाइन आवेदन:
ऑफलाइन आवेदन के लिए आपको अपने नजदीकी नगर निगम कार्यालय या संबंधित सरकारी कार्यालय में जाना होगा। साथ में निम्नलिखित दस्तावेज़ होने चाहिए:- बच्चे के जन्म का प्रमाण (जैसे अस्पताल का जन्म रिकॉर्ड)
- माता-पिता का पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी)
- पते का प्रमाण (जैसे राशन कार्ड, बिजली का बिल, बैंक स्टेटमेंट)
अंतिम तिथि:
याद रखें कि 27 अप्रैल 2026 तक यदि आप अपना बर्थ सर्टिफिकेट नहीं बनवाते या अपडेट नहीं करते, तो इसके बाद उसमें कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकेगा।