Unhealthy Horses Restricted in Chardham Yatra: चारधाम यात्रा के दौरान घोड़े-खच्चरों की सेहत को लेकर पशुपालन विभाग ने सख्त कदम उठाए हैं। विभाग के सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने स्पष्ट किया है कि अस्वस्थ घोड़े-खच्चरों को यात्रा मार्ग में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। स्थानीय लोगों की ओर से भी घोड़े-खच्चरों पर लगी रोक को आगे बढ़ाने की मांग की गई है।
16,000 से अधिक घोड़ा-खच्चरों की हुई जांच
डॉ. पुरुषोत्तम ने जानकारी दी कि 4 अप्रैल से अब तक 16,000 से अधिक घोड़ा-खच्चरों की सैंपलिंग की जा चुकी है। इस प्रक्रिया के तहत स्वस्थ और अस्वस्थ जानवरों की पहचान की जा रही है ताकि केवल योग्य जानवरों को ही यात्रा मार्ग पर भेजा जा सके।
पशु चिकित्सकों की तैनाती
मामले की गंभीरता को देखते हुए पशुपालन विभाग ने 22 से अधिक पशु चिकित्सकों की टीम को यात्रा मार्गों पर तैनात किया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत इलाज उपलब्ध कराया जा सके और बीमार जानवरों की पहचान समय रहते की जा सके।
यूपी से आने वाले घोड़ा-खच्चरों पर पूर्ण प्रतिबंध
आपको बता दे, हर वर्ष यात्रा मार्ग पर उत्तर प्रदेश से करीब 2,000 से 3,000 घोड़ा-खच्चर लाए जाते हैं, लेकिन इस बार एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए यूपी से आने वाले सभी घोड़ा-खच्चरों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
हालांकि यह वायरस मनुष्यों में संक्रमण नहीं फैलाता है, लेकिन घोड़ा-खच्चरों में इसका संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है, जिससे बड़ी संख्या में जानवरों की मौत हो सकती है।
स्थानीय लोगों की मांग
स्थानीय निवासियों ने यात्रा मार्ग की सुरक्षा और पशु कल्याण को देखते हुए अस्वस्थ और बाहरी राज्यों से आने वाले जानवरों पर लगी रोक को आगे भी जारी रखने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि लगातार हो रही पशु मौतों और संक्रमण के खतरे को देखते हुए यह एक जरूरी कदम है।