23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (What Is Angel Tax ?) के द्वारा बजट 2024 25 पेश किया गया जिसमें एंजल टैक्स का भी जिक्र किया गया था। आपको बता दें कि एंजेल टैक्स क्या है और क्या है इसके फायदे और नुकसान जब कोई स्टार्टअप किसी निवेशक से पैसे झूठा आता है तो उसे फेयर वैल्यू से जितना ज्यादा फंड मिलता था और इस पर जितनी टैक्स देनदारी बनती थी उसे एंजेल टैक्स कहा जाता था। जिसे किसी स्टार्टअप ने 10000 रुपए के भाव पर 1 लाख शेयर जारी किए लेकिन उसकी शेयर मार्केट वैल्यू 70 करोड़ है तो उसे 30 करोड रुपए का टैक्स देना होगा।
एंजेल टैक्स क्या है? What Is Angel Tax ?
एंजेल टैक्स भारतीय आयकर अधिनियम के तहत एक कर है जो घरेलू कंपनियों द्वारा जारी किए गए शेयरों पर लागू होता है। यदि स्टार्टअप्स किसी निवेशक से शेयर जारी करते हैं और वह निवेश वास्तविक मूल्य से अधिक होता है, तो इस अतिरिक्त राशि पर 30% का कर लगाया जाता है।
एंजेल टैक्स का इतिहास | What Is Angel Tax ?
एंजेल टैक्स का प्रावधान 2012 में आयकर अधिनियम, 1961 में धारा 56(2)(viib) के तहत पेश किया गया था। इसका उद्देश्य काले धन को सफेद करने के लिए फर्जी कंपनियों के उपयोग को रोकना था। हालांकि, यह स्टार्टअप्स के लिए समस्याएं भी पैदा करता है।
एंजेल टैक्स का महत्व | What Is Angel Tax ?
एंजेल टैक्स का मुख्य उद्देश्य निवेशकों के माध्यम से स्टार्टअप्स में किए गए निवेशों को विनियमित करना है। यह सुनिश्चित करता है कि स्टार्टअप्स में किए गए निवेश पारदर्शी और न्यायसंगत हैं।
एंजेल टैक्स के लाभ और हानि | What Is Angel Tax ?
लाभ:
- काले धन की रोकथाम: एंजेल टैक्स काले धन को सफेद बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले फर्जी निवेशों को रोकता है।
- निवेशकों की सुरक्षा: यह निवेशकों को उनकी राशि के सही उपयोग के प्रति आश्वस्त करता है।
हानि:
- स्टार्टअप्स पर बोझ: कई स्टार्टअप्स के लिए यह कर एक बड़ा बोझ हो सकता है।
- निवेश में कमी: कुछ निवेशक उच्च कर दर के कारण निवेश करने से बच सकते हैं।
एंजेल टैक्स से बचने के उपाय | What Is Angel Tax ?
- मान्यता प्राप्त निवेशक: स्टार्टअप्स को मान्यता प्राप्त निवेशकों से निवेश लेना चाहिए जो आयकर विभाग द्वारा अनुमोदित हैं।
- शेयर मूल्यांकन: शेयरों का उचित मूल्यांकन किया जाना चाहिए ताकि अतिरिक्त कर से बचा जा सके।
- उचित दस्तावेजीकरण: सभी निवेशों का उचित दस्तावेजीकरण किया जाना चाहिए ताकि किसी भी विवाद से बचा जा सके।
एंजेल टैक्स के बारे में हालिया सुधार | What Is Angel Tax ?
भारत सरकार ने स्टार्टअप्स को एंजल टैक्स से राहत देने के लिए कई सुधार किए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख सुधार निम्नलिखित हैं:
- डीपीआईआईटी पंजीकरण: स्टार्टअप्स जो डीपीआईआईटी के तहत पंजीकृत हैं, उन्हें एंजल टैक्स से छूट दी गई है।
- निवेशक की जानकारी: निवेशकों की जानकारी को स्पष्ट और पारदर्शी बनाने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं।
एंजेल टैक्स भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह निवेशकों और स्टार्टअप्स के लिए एक संतुलित वातावरण प्रदान करता है। हालांकि, इस कर के प्रभाव को कम करने के लिए निरंतर सुधार और नीतिगत बदलाव आवश्यक हैं।
यह भी पढ़ें |
आज पेश किया गया बजट 2024–25, जानिए सोना- चांदी, मोबाइल फोन पर क्या होगा असर