Women Protesting Against PITCUL: उत्तराखंड में भू कानून को लेकर इन दिनों काफी गहमागहमी है, और रुद्रप्रयाग जिले की केदार घाटी में हुई एक घटना ने इस मसले को और भी ज्यादा तूल दे दिया है। गुप्तकाशी के रुद्रपुर क्षेत्र में पिटकुल कंपनी द्वारा गांव की गोचर जमीन पर अपना हक जताने को लेकर स्थानीय महिलाएं विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। इन महिलाओं के धरने पर बैठने के बाद, पुलिस ने जिस तरह से कार्रवाई की, उसने सबको चौंका दिया।
पुलिस ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं को पुलिस वैन में बैठाया, और इस दौरान सड़क पर जाम लग गया, जिससे कई मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। जाम को खुलवाने में काफी वक्त लगा, और इस घटनाक्रम ने इलाके में तनाव बढ़ा दिया।
पिटकुल कंपनी द्वारा गोचर जमीन पर कब्जा करने की कोशिश को लेकर गांव वाले लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह जमीन उनका जीविका का मुख्य साधन है, क्योंकि इसका उपयोग गायों को चारा देने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, यह गांव की एकमात्र जमीन है जो उनका संरक्षण करती है। गांव वाले आरोप लगा रहे हैं कि ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी ने यह जमीन वन विभाग को ट्रांसफर कर दी, जिसके बाद पिटकुल ने इसे सबस्टेशन बनाने के लिए जबरन कब्जा करना शुरू कर दिया।
ग्रामीणों का आरोप है कि पिटकुल ने पहले इस इलाके में जमीन देने का वादा किया था, लेकिन अब वह उनकी गोचर जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह कदम उनके जीविका पर भारी पड़ेगा, क्योंकि यह जमीन केवल गायों के लिए नहीं, बल्कि गांव के सामाजिक और पारंपरिक जीवन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। उनका मांग है कि पिटकुल को जमीन कहीं और दी जाए, ताकि उनकी रोजी-रोटी और गायों का पालन सही तरीके से हो सके।
इस पूरे मामले में उत्तराखंड पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। गांव वाले यह मानते हैं कि पुलिस ने पिटकुल कंपनी के दबाव में आकर कार्रवाई की और इतनी बड़ी संख्या में पुलिस बल भेजा गया, जो सामान्य मामलों में नहीं देखा जाता। यह मुद्दा भू कानून और पुलिस की निष्पक्षता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, खासकर जब यह मामला कोर्ट में लंबित था।

