Different methods Of Flag Hoisting: आज पूरा देश 78 वा गणतंत्र दिवस बड़ी धूमधाम से मना रहा है लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11वीं बार तिरंगा फहराया उन्होंने अपने भाषण में विकसित भारत 2047 का लक्ष्य रखा साथ ही वैश्विक स्तर पर भारत की प्रगति को भी उन्होंने अपने भाषण में जनता के सामने रखा। रेल मंत्रालय के द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगे की रोशनी से जगमग जम्मू कश्मीर से दुनिया के सबसे उंचे रेल आर्च ब्रिज ‘चिनाब रेलवे ब्रिज‘ की तस्वीर सांझा की गई। रेलवे मंत्रालय के द्वारा तस्वीर सांझा करते हुए लिखा गया “शक्ति और एकता का प्रतीक।”
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के तरीकों में क्या है अंतर? Different methods Of Flag Hoisting
स्वतंत्रता दिवस पर और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज हर वर्ष फहराया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है की स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाने के तरीकों में अंतर होता है। स्वतंत्रता दिवस पर रस्सी खींचकर झंडे को ऊपर ले जाने के बाद उसे खोलकर फहराया जाता है जिसे ध्वजारोहण कहा जाता है, जो की औपनिवेशिक शासन से मुक्ति का प्रतीक होता है। तो वही गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति ध्वज स्तंभ के शीर्ष पर बढ़े राष्ट्रीय ध्वज को खोलकर झंडा फहराते हैं जो कि संविधान के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक माना जाता है। Different methods Of Flag Hoisting
वक्त के साथ बदलते भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइन | Different methods Of Flag Hoisting
भारत को मिली स्वतंत्रता के बाद से ही भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइन में लगातार बदलाव होते किए गए हैं मौजूदा भारतीय ध्वज को अपने से पहले अलग-अलग झंडों को बताओ राष्ट्रीय ध्वज फहराया जा चुका है। 1906 में स्वदेशी आंदोलन के दौरान हरी पीली और लाल पत्तियों वाले ध्वज जबकि 1921 में चरखे के साथ सफेद, हरी और लाल पत्तियों वाला ध्वज अपनाया गया। जिसके 10 साल बाद 1931 के बीच में चरखे वाला तिरंगा ध्वज अपनाया गया। इसके कुछ समय बाद तिरंगे के बीच से चढ़े को हटाकर केवल चक्र को रखा गया। Different methods Of Flag Hoisting
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