Bag Free Saturday in Uttarakhand Schools: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों के लिए नया कानून लागू किया है। जिसमें हर महीने के अंतिम शनिवार को ‘बस्ता मुक्त दिवस’ मनाने का निर्णय लिया है। इस दिन बच्चों को बिना बस्ते के स्कूल आना होगा और उन्हें पढ़ाई की जगह मज़ेदार गतिविधियाँ कराई जाएंगी।
डॉ धन सिंह रावत द्वारा की गई बैठक
25 अप्रैल को एससीईआरटी सभागार में आयोजित एक कार्यशाला में शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत द्वारा एक बैठक की गई। जिसमें हर महीने के अंतिम शनिवार को ‘बस्ता मुक्त दिवस’ मनाने का निर्णय लिया गया और एक खास गतिविधि पुस्तिका का विमोचन भी किया।
सभी बोर्ड के स्कूलों में लागू
इस दिन बच्चों को बिना बैग के स्कूल आना होगा। आपको बता दें, यह नियम सरकारी के साथ-साथ निजी स्कूलों, उत्तराखंड बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई, संस्कृत और भारतीय शिक्षा परिषद से जुड़े सभी स्कूलों पर लागू होगा।
बच्चों को मिलेगा अच्छा माहौल
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि यह व्यवस्था इसी शनिवार से शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों को केवल किताबों की पढ़ाई नहीं, बल्कि खेल, चित्रकला, खेती और व्यावसायिक शिक्षा जैसी गतिविधियों में भी आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए। साथ ही, मंत्री जी ने कहा कि जैसे विदेशों में बच्चों को मस्ती और अच्छे माहौल में पढ़ाया जाता है, वैसे ही उत्तराखंड के बच्चों को भी सीखने के लिए अच्छा और मजेदार माहौल देने की कोशिश की जा रही है।
इस कार्यक्रम में शिक्षा सचिव रविनाथ रामन, महानिदेशक झरना कमठान, एनएचएम की मिशन निदेशक स्वाति भदौरिया, डॉ. मुकुल सती समेत कई स्कूलों के प्रबंधक और अधिकारी मौजूद रहे। सभी बोर्ड के स्कूलों में लागू।
इस दिन बच्चों को बिना बैग के स्कूल आना होगा। आपको बता दें, यह नियम सरकारी के साथ-साथ निजी स्कूलों, उत्तराखंड बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई, संस्कृत और भारतीय शिक्षा परिषद से जुड़े सभी स्कूलों पर लागू होगा।
बच्चों को मिलेगा अच्छा माहौल
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि यह व्यवस्था इसी शनिवार से शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों को केवल किताबों की पढ़ाई नहीं, बल्कि खेल, चित्रकला, खेती और व्यावसायिक शिक्षा जैसी गतिविधियों में भी आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए।
साथ ही मंत्री जी ने कहा कि जैसे विदेशों में बच्चों को मस्ती और अच्छे माहौल में पढ़ाया जाता है, वैसे ही उत्तराखंड के बच्चों को भी सीखने के लिए अच्छा और मजेदार माहौल देने की कोशिश की जा रही है।
इस कार्यक्रम में शिक्षा सचिव रविनाथ रामन, महानिदेशक झरना कमठान, एनएचएम की मिशन निदेशक स्वाति भदौरिया, डॉ. मुकुल सती समेत कई स्कूलों के प्रबंधक और अधिकारी मौजूद रहे।