रुद्रनाथ यात्रा के नए नियम, बिना रजिस्ट्रेशन नहीं मिलेगी एंट्री…

Online Registration For Rudranath Yatra: अब रुद्रनाथ और केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य जाने से पहले ऑनलाइन पंजीकरण करना जरूरी होगा। हर दिन सीमित संख्या में ही यात्रियों को जाने दिया जाएगा ताकि भीड़ न हो और यात्रा सुगम बनी रहे।

कैसे करें पंजीकरण?

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
  2. अपनी यात्रा की तारीख और मार्ग चुनें।
  3. जरूरी जानकारी भरकर पंजीकरण करें।
  4. यात्रा के समय पंजीकरण की कॉपी साथ रखें।

ठहरने की विशेष व्यवस्था

आपको बता दें, यात्रा के समय सुरक्षा का ध्यान रखते हुए, एक निश्चित समय के बाद आगे बढ़ने की अनुमति नहीं होगी जिसके लिए यात्रियों को अगले दिन का इंतजार करने के लिए व्यवस्था का इंतजाम किया जाएगा और रात में यात्रियों को रुकने के लिए पास के गांवों में ठहरने की सुविधा दी जाएगी।

अस्थायी टेंट और भोजन की सुविधा

इस बार रुद्रनाथ पैदल यात्रा का संचालन केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग की ओर से इको विकास समिति के द्वारा किया जा रहा है। यात्रियों के लिए रास्ते में अस्थायी टेंट और भोजन की व्यवस्था की जाएगी। हर यात्री से नाममात्र शुल्क लिया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को आर्थिक सहायता मिलेगी और इसकी व्यवस्था ईडीसी करेगी ।

सिरोली, ग्वाड़ और गंगोलगांव की ईडीसी ने यात्रा की योजना वन विभाग को सौंपी है, जबकि सगर और कुजौं-मैकोट गांवों में इसकी तैयारी चल रही है। श्रद्धालु और पर्यटक सिरोली, ग्वाड़, सगर, गंगोलगांव, कुजौं-मैकोट और डुमक गांवों के रास्ते रुद्रनाथ और केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य जा सकेंगे।

गाइड की सुविधा

आपको बता दें, पर्यटकों की मदद के लिए स्थानीय गाइड उपलब्ध होंगे, जिन्हें क्षेत्र की जानकारी दी गई है। ये गाइड यात्रियों को रास्ता दिखाने और वनस्पति, पक्षियों व जानवरों के बारे में जानकारी देने में मदद करेंगे।

रुद्रनाथ पंचकेदारों में से एक और सबसे सुंदर स्थानों में से माना जाता है। यह मंदिर केदारनाथ कस्तूरी मृग अभयारण्य में स्थित है। यहाँ गुफा में बने मंदिर में भगवान शिव के मुख की पूजा होती है, जो नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की तरह खास और अनोखी है।

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