Removal of Encroachment From Rivers In Dehradun: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य की नदियों, नालों और गधेरों में हो रहे अतिक्रमण को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए सरकार को 30 जून तक सभी चिन्हित अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं।
30 जून से पहले अतिक्रमण मुक्त
इसके चलते मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति जी.एस. नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश जल स्रोतों और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मामलों पर दायर तीन जनहित याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार की ओर से बिंदाल नदी समेत कई क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। हाईकोर्ट ने देहरादून जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि बिंदाल नदी क्षेत्र और रिस्पना नदी को 30 जून से पहले अतिक्रमण मुक्त कर दिया जाए।
सुनवाई के दौरान अदालत ने स्पष्ट किया कि राज्य में जहां भी नदियों, नालों और गधेरों पर अतिक्रमण हुआ है, उन्हें चिन्हित कर समयबद्ध तरीके से हटाया जाए। साथ ही, अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया पर निगरानी रखने के लिए सभी प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।

पुलिस को सख्त निगरानी के आदेश
कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को भी निर्देश दिए हैं कि सभी संबंधित थाना प्रभारियों को आदेश जारी कर ऐसे क्षेत्रों में निगरानी करें जहां अभी भी अतिक्रमण जारी है। अतिक्रमणकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी रिपोर्ट अदालत में पेश की जाए।
इसके अतिरिक्त, कोर्ट ने शहरी विकास विभाग को मानसून से पहले जागरूकता अभियान चलाने और जनता को नदियों, नालों में कूड़ा या मलबा फेंकने तथा अवैध खनन से रोकने के निर्देश दिए हैं।