Thailand National Bird Siamese Fireback Seen in Ranikhet: पर्यटन नगरी रानीखेत के घने वन क्षेत्र में हाल ही में एक दुर्लभ और आकर्षक दृश्य ने प्रकृति प्रेमियों को चौंका दिया। पहली बार यहां थाईलैंड का राष्ट्रीय पक्षी ‘सियामीज़ फायरबैक’ देखा गया है। यह घटना न केवल पक्षीप्रेमियों के लिए एक रोमांचक खबर है, बल्कि क्षेत्र की जैव विविधता और पर्यावरणीय समृद्धि का भी प्रमाण है।
क्या है ‘सियामीज़ फायरबैक’?
सियामीज़ फायरबैक (Siamese Fireback), जिसे वैज्ञानिक नाम Lophura diardi से जाना जाता है, सामान्यतः थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया और वियतनाम के नम और घने जंगलों में पाया जाता है। इसकी पहचान इसकी आकर्षक बनावट से होती है—धूसर रंग की देह, चमकीले नीले और नारंगी पंख, लाल चोंच और एक शालीन चाल। सूरज की रोशनी में इसके पंखों की धात्विक चमक किसी जीवंत चित्रकला-सी प्रतीत होती है। यह थाईलैंड का राष्ट्रीय पक्षी है।
जैव विविधता का संकेत
इस पक्षी का रानीखेत जैसे पर्वतीय क्षेत्र में दिखना स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र की उत्कृष्ट स्थिति को दर्शाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटना बताती है कि इस क्षेत्र का प्राकृतिक आवास अब भी इतना समृद्ध और सुरक्षित है कि वह ऐसे दुर्लभ पक्षी को आकर्षित कर सकता है।
यह पक्षी ‘अल्प चिंता’ वर्ग में आता है, यानी इसकी प्रजाति को फिलहाल विलुप्ति का खतरा नहीं है, परंतु इसका सीमित क्षेत्र में पाया जाना इसे विशेष बनाता है।
प्रमुख विशेषताएं
लंबाई- नर– 75–80 सेमी, मादा– 55–60 सेमी
वजन- 1.2 से 1.5 किलोग्राम तक
नर– धूसर शरीर, चमकीली पीठ, नीली-काली पूंछ
मादा– भूरी, लाल चोंच, गहरी लाल टांगे
आवास- नम सदाबहार जंगल, शांत पर्वतीय क्षेत्र
आहार- फल, बीज, कीट, पत्तियां और जड़ें।
प्रकृति प्रेमियों में उत्साह
इस अवलोकन के बाद क्षेत्र के पक्षी प्रेमियों और प्रकृति संरक्षण से जुड़े लोगों में खासा उत्साह है। यह घटना न केवल पर्यटन को बढ़ावा दे सकती है, बल्कि स्थानीय वन क्षेत्रों के संरक्षण की आवश्यकता को भी उजागर करती है।
भविष्य के लिए संकेत
सियामीज़ फायरबैक की मौजूदगी बताती है कि पर्वतीय क्षेत्रों में अभी भी ऐसी संभावनाएं हैं, जहाँ जैव विविधता को संरक्षित किया जा सकता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्राकृतिक धरोहरों को आकर्षित किया जा सकता है। इस अनोखी उपस्थिति से वन विभाग और पर्यावरण वैज्ञानिकों को भी अध्ययन का एक नया विषय मिला है।
रानीखेत के शांत जंगलों में एक विदेशी मेहमान की यह उपस्थिति न केवल दृश्य सौंदर्य को बढ़ाती है, बल्कि यह हमें प्रकृति की रक्षा और जैव विविधता के संरक्षण की अहमियत भी याद दिलाती है।