Vehicles Coming to Uttarakhand Will Pay Green Cess: उत्तराखंड में 15 जून 2025 से राज्य की सीमाओं में प्रवेश करने वाले बाहरी राज्यों के वाहनों से ग्रीन सेस की वसूली शुरू की जाएगी। इस व्यवस्था की तैयारी परिवहन मुख्यालय द्वारा पूरी कर ली गई है। इसके लिए एक निजी कंपनी का चयन कर लिया गया है और संबंधित सॉफ्टवेयर भी तैयार हो चुका है।
बाहरी वाहन सीमा पर ही होंगे स्कैन
आपको बता दे, पहले ग्रीन सेस की वसूली FASTag के माध्यम से करने की योजना थी, लेकिन अब इसे ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरों की मदद से लागू किया जाएगा। जैसे ही कोई बाहरी वाहन उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करेगा, सीमा पर लगे ANPR कैमरे उसकी नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे। इसके बाद वाहन के FASTag खाते से निर्धारित राशि स्वतः कट जाएगी।
निर्धारित ग्रीन सेस दरें:
वाहन प्रकार | ग्रीन सेस (₹) |
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चार पहिया वाहन | 40 रुपये |
तीन पहिया वाहन | 20 रुपये |
मध्यम वाणिज्यिक वाहन | 60 रुपये |
भारी वाहन | 80 रुपये |
जानिए ग्रीन सेस वसूली का उद्देश्य
संयुक्त परिवहन आयुक्त की जानकारी के अनुसार, ग्रीन सेस वसूली का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ राज्य को राजस्व बढ़ाना और वाहनों की निगरानी बेहतर बनाना है। यह सॉफ्टवेयर केंद्र की परिवहन संबंधित वेबसाइटों से भी जोड़ा जा रहा है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
इस डिजिटल व्यवस्था से न केवल लाखों वाहनों से सीधी ऑनलाइन वसूली संभव हो पाएगी, बल्कि राज्य में प्रवेश करने वाले प्रत्येक वाहन की ट्रैकिंग और रिकॉर्डिंग भी आसान हो जाएगी। इससे ट्रैफिक प्रबंधन और सुरक्षा में भी मदद मिलेगी।