UKPSC पर दिखा साइबर अटैक का असर, पुराने तरीके से जारी होंगे रिजल्ट

Cyber Attack Effect On UKPSC

Cyber Attack Effect On UKPSC: प्रदेश में हाल ही में हुए साइबर हमले के कारण सरकारी कामकाज में व्यापक बाधा आई थी। इस हमले के चलते, कई विभागों का काम ठप हो गया, लेकिन अब अधिकांश सरकारी सेवाएं सुचारू हो गई हैं। हालांकि, राज्य लोक सेवा आयोग की वेबसाइट अभी भी बंद है, जो युवाओं के लिए चिंता का विषय है। साइबर हमले का प्रभाव साइबर हमले के एक हफ्ते बाद भी, राज्य लोक सेवा आयोग की वेबसाइट को सक्रिय नहीं किया जा सका है। यह वेबसाइट युवाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें नई भर्तियों के विज्ञापनों, परीक्षा परिणामों, एडमिट कार्ड, और सिलेबस जैसी जानकारियाँ उपलब्ध होती हैं। हमले के कारण, वेबसाइट अब आठ दिन से बंद है, जिससे युवाओं को जानकारी प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। आईटीडीए का प्रयास राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव, गिरधारी सिंह रावत, ने बताया कि आईटीडीए के विशेषज्ञ लगातार वेबसाइट को सुचारू करने की कोशिश कर रहे हैं। वे विभिन्न तकनीकी उपायों को आजमा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। इस समस्या के समाधान के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन तकनीकी चुनौतियाँ इसे मुश्किल बना रही हैं। परिणामों का प्रकाशन युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने निर्णय लिया है कि जब तक वेबसाइट पुनर्स्थापित नहीं होती, तब तक कुछ भर्तियों के परिणाम समाचार पत्रों में प्रकाशित किए जाएंगे। यह कदम युवाओं को सूचनाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए उठाया गया है, ताकि वे अपनी संभावनाओं और भर्तियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। युवा वर्ग की चिंता इस स्थिति से युवाओं में चिंता का माहौल है, क्योंकि बार-बार वेबसाइट चलाने की कोशिशों में वे असफल हो रहे हैं। जानकारी की अनुपलब्धता से उनके भविष्य की योजनाओं पर असर पड़ सकता है। साइबर हमले के परिणामस्वरूप, राज्य लोक सेवा आयोग की वेबसाइट की बंदी ने युवाओं के लिए कई बाधाएं उत्पन्न की हैं। आयोग और आईटीडीए की टीम इस समस्या का समाधान निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन तब तक परिणामों का प्रकाशन पुराने तरीकों से किया जाएगा। यह स्थिति युवाओं के लिए चुनौतीपूर्ण है, और उन्हें अपडेटेड जानकारी की आवश्यकता है। यह भी पढ़े | राज्य में हुए साइबर अटैक का हुआ खुलासा, Makop Ransomware वायरस को हुई पुष्टि, डाटा मिलना असंभव

राज्य में हुए साइबर अटैक का हुआ खुलासा, Makop Ransomware वायरस को हुई पुष्टि, डाटा मिलना असंभव

Makop Ransomware Attack

Makop Ransomware Attack: उत्तराखंड में बीते 3 अक्टूबर को हुए साइबर हमले के कारण चार दिनों तक सरकारी कामकाज बन रहा था। इस हमले की विशेषज्ञों के द्वारा जांच की जा रही है। जिसमें सामने आया है कि उत्तराखंड में माकोप रैनसमवेयर (Makop Ransomware) से साइबर हमला किया गया था। माकोप रैनसमवेयर के द्वारा साइबर क्राइम की दुनिया में पहली बार साल 2020 में हमला किया गया था। उत्तराखंड से पहले भारत में एयर इंडिया, इंडिगो एयरलाइंस, एम्स दिल्ली समेत देश के कई प्रतिष्ठित स्थान पर माकोप रैनसमवेयर के द्वारा हमले हो चुके हैं। आपको बता दें कि फिलहाल उत्तराखंड में रैनसमवेयर को भेजने वाले अपराधियों की पहचान नहीं हो पाई है। राज्य में हुए साइबर अटैक का हुआ खुलासा आपको बता दें की माकोप रैनसमवेयर सिस्टम में घुसने के बाद पूरी फाइलों को एंक्रिप्ट कर देता है। सरल भाषा में कहें तो सिस्टम में घुसने के बाद फाइलों पर एक लॉक लगा देता है। इसके साथ ही फिरौती के लिए एक नोट छोड़ देता है। जैसे ही सिस्टम को खोलने की कोशिश करते हैं तो सिस्टम खुलता नहीं बल्कि सामने फिरौती का नोट दिखाई देता है। विशेषज्ञों की माने तो इस रैनसमवेयर की जद में आया हुआ डाटा वापस मिलना बहुत मुश्किल है। डाटा रिकवर होना लगभग असंभव ही माना जा रहा है। आपको बता दें कि अभी साइबर सेल को यह नहीं पता चल पाया है कि साइबर हमला देश के अंदर से हुआ था या बाहर। यह भी पढ़े | देवभूमि में बढ़ते साइबर ठगी के मामले, शहीद परिवार से 2 लाख की ठगी का मामला आया सामने, 5 आरोपी हुए गिरफ्तार 5 करोड़ साइबर क्राइम से निपटेगी एसओपी, सीईआरटी–यूटीके वेबसाइट का होगा निर्माण |

उत्तराखंड स्थापना दिवस के दिन लागू हो सकता है UCC, जल्द शुरू होगा सत्यापन…..

Uniform Civil Code

Uniform Civil Code: उत्तराखंड राज्य में स्थापना दिवस यानी 9 नवंबर को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू किया जा सकता है। सभी दस्तावेजों का सत्यापन यूसीसी के लिए जल्द होगा शुरू। सरकारी कार्यालय के नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर आपको बता दे समान नागरिक संहिता के सभी लाभ लेने के लिए अब ना तो सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ेंगे और ना ही फॉर्म भरने होंगे। क्रियान्वयन को अंतिम रूप देने वाली विशेष समिति की जानकारी के अनुसार यूसीसी पोर्टल को आधार, पैन कार्ड, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के साथ सभी प्रमुख सेवाओं से जोड़ा जाएगा।यह इसलिए जरूरी है जिससे यूसीसी से संबंधित सभी दस्तावेजों का सत्यापन सभी विभागों द्वारा किया जा सके। सभी दस्तावेजों का होगा सत्यापन जानकारी के अनुसार यूसीसी पोर्टल पर आवेदन करने वाले व्यक्ति का आधार, पैन, जन्म– मृत्यु प्रमाण पत्र, संपति के साथ और भी कई दस्तावेजों का सत्यापन यूसीसी पोर्टल से जुड़े विभागों से जुड़े होने से जल्द हो सकेगा। आपको बता दे सभी दस्तावेजों का नंबर डालते ही तुरंत उसका सत्यापन हो जाएगा। जिसके चलते अब अलग-अलग कार्यालय से संपर्क नहीं करना होगा।उत्तराखंड में आजकल राज्य के डाटा सेंटर में साइबर हमला होने की वजह से उच्च के पोर्टल को एनआईसी के भरोसेमंद प्लेटफार्म द्वारा लॉन्च किया जाएगा। आपको बता दे यूसीसी के लागू होने के बाद साल 2025 के मई तक तलाक, विवाह और लिव इन रिलेशनशिप के पंजीकरण कराने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। इसी के साथ पोर्टल के जरिए निशुल्क वसीयत करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह भी पढ़ें 15 नवंबर से आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन होंगे शुरू, जानिए जरूरी जानकारी…….

राज्य में साइबर अटैक की जांच जारी, अपराधियों ने मांगी थी फिरौती

Uttarakhand Cyber Attack Update

Uttarakhand Cyber Attack Update: उत्तराखंड में हाल ही में हुए साइबर हमले ने प्रशासन को गंभीर संकट में डाल दिया। चार दिनों तक सरकारी कामकाज ठप रहा, जिससे कई महत्वपूर्ण सेवाएं प्रभावित हुईं। यह हमला पुलिस के क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (CCTNS) पर हुआ, जो कि अपराध की पहचान और ट्रैकिंग के लिए एक महत्वपूर्ण प्रणाली है। अपराधियों ने इस साइबर हमले के जरिए डेटा चुराने के साथ ही फिरौती के रूप में बिटकॉइन की मांग भी की। यह नया पहलू इस हमले की गंभीरता को दर्शाता है, क्योंकि बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करने से ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। इस घटना ने सरकारी सुरक्षा ढांचे में खामियों को उजागर किया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। अब सरकारी एजेंसियों को इस तरह के हमलों से निपटने के लिए अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसके अलावा, नागरिकों को भी साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाना आवश्यक है, ताकि वे संभावित खतरों से बच सकें। अपराधियों ने मांगी थी फिरौती उत्तराखंड में पुलिस के क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (CCTNS) पर हुए साइबर हमले ने प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे को गंभीर रूप से प्रभावित किया। यह हमला तीन अक्टूबर को हुआ और इसके परिणामस्वरूप प्रदेश के सभी 160 थानों के कार्य बाधित हो गए, जिससे एफआईआर से लेकर चार्जशीट तक के सभी प्रक्रियाएं रुक गईं। पुलिस ने इस हमले के खिलाफ मामला दर्ज किया है और जांच तेज कर दी है। इसके साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) सहित कई केंद्रीय एजेंसियां भी इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अपनी जांच में जुट गई हैं। सूत्रों के अनुसार, अपराधियों ने इस साइबर हमले के बाद बिटकॉइन में फिरौती की मांग की, जो इस हमले को और अधिक चिंताजनक बनाता है। हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि यह साइबर हमला कहाँ से हुआ। आईटीडीए इस हमले के प्रभाव से अभी तक उबर नहीं पाया है और कई महत्वपूर्ण वेबसाइटों को सुरक्षित नेटवर्क पर संचालित किया जा रहा है। अब तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि यह हमला देश के भीतर से था या किसी विदेशी स्रोत से। यह भी पढ़ें | 5 करोड़ साइबर क्राइम से निपटेगी एसओपी, सीईआरटी–यूटीके वेबसाइट का होगा निर्माण |  साइबर ठगों के हौसले बुलंद, डीएम का बनाया फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट, और फिर…….

उत्तराखंड के सभी 15 वर्षीय निरक्षर अब होंगे साक्षर, सीखेंगे जीवन से जुड़े कौशल……

Uttarakhand Literacy

Uttarakhand Literacy: अब उत्तराखंड राज्य में 15 वर्ष से अधिक उम्र के निरक्षरों को साक्षर किया जाएगा। डिजिटल साक्षरता के साथ कानूनी जागरूकता और जीवन से जुड़े कौशल भी सिखाए जाएंगे। कई कौशलों के प्रति होगी जागरूकता आपको बता दे एससीईआरटी की निदेशक द्वारा कहा गया है कि राज्य में अब 15 साल से अधिक उम्र के निरक्षरों को साक्षर किया जाएगा। उनके द्वारा यह बात एससीईआरटी सभागार में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान कही गई।जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम का उद्देश्य 15 वर्ष से ज्यादा उम्र के ऐसे लोगों को आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान संग जीवन से जुड़े कौशलों जैसे– वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य देखभाल और कानूनी जागरूकता के प्रति जागरूक करना है। प्रवेशिका के साथ मार्गदर्शिका भी तैयार की गई साथ ही अपर निदेशक आशा रानी पैन्यूली ने कहा कि कार्यक्रम के तहत राज्य में उल्लास नाम से सामग्री का विकास किया जाना है। इस कार्यक्रम के अनुसार निरक्षरों को संख्या और अंक संबंधी ज्ञान के साथ-साथ जीवन कौशल पर आधारित जानकारी दी जानी है। आपको बता दें राज्य संबंधवायक अधिकारी द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय स्तर पर एनसीईआरटी नई दिल्ली में साक्षरता से संबंधित राष्ट्रीय साक्षरता का गठन किया गया है।अब राज्य स्तर पर एससीईआरटी उत्तराखंड में राज्य साक्षरता का एक कॉलम बनाया गया है। इसके लिए प्रवेशिका 4 खंडों में तैयार की गई है, जिसमें कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए मार्गदर्शिका भी तैयार की गई है। यह भी पढ़ें 3 दिन के अंदर 2 निरीक्षक रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, विजिलेंस की टीम की जारी कार्यवाही

उत्तराखंड में हृदय रोग का बड़ा केस हुआ सफल, AIIMS ऋषिकेश में बची मासूम की जान…….

AIIMS Rishikesh

AIIMS Rishikesh: ऋषिकेश में एक 7 वर्षीय बच्ची का हुआ सफल ऑपरेशन। दिल की बीमारी से जूझ रही थी बच्ची। राज्य के इतिहास का पहला मामला आपको बता दें उत्तराखंड के एम्स ऋषिकेश में यूपी की रहने वाली एक 7 वर्षीय बच्ची की दिल की बीमारी का सफल ऑपरेशन किया गया। इस बच्ची को पिछले 1 साल से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके साथ–साथ वह जन्म के समय से ही शरीर में नीले रंग की बीमारी से ग्रसित थी। ऐसे में AIIMS के चिकित्सकों ने हृदय के एट्रियम चैंबरों को बदलकर बच्ची को एक नया जीवन दिया। बच्ची है अब स्वस्थ जानकारी के अनुसार यह बीमारी एक जन्म जात हृदय रोग है, जिसमें हृदय से होकर जाने वाली मुख्य धमनिया विपरीत और गलत स्थान पर होती है। जैसे-जैसे बच्ची की उम्र बढ़ने लगी वैसे ही रक्त में ऑक्सीजन का स्तर प्रभावित होने से जीवन संकट में पड़ गया था। जब सभी अन्य राज्यों के चिकित्सकों ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे तब उत्तराखंड के एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों ने यह सर्जरी कर दिखाई। आपको बता दें राज्य में इस तरह की यह सर्जरी का पहला मामला है। बच्ची का हृदय ठीक से काम करने लगा है साथ ही उसे सांस लेने में भी आसानी हो गई है। सभी ने सर्जरी करने वाली डॉक्टर की टीम की खूब सराहना की है। यह भी पढ़ें सूचना विभाग के साथ पत्रकारों की हुई बैठक, पत्रकारों को किया प्रोत्साहित……

धार्मिक अफवाहों पर लगाम लगाएगी देहरादून पुलिस, एसएसपी देहरादून ने जारी किया बयान

Dehradun Police On Religious Rumors

Dehradun Police On Religious Rumors: सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और गलत जानकारियों की बाढ़ के बीच, देहरादून पुलिस अब सख्त कार्रवाई करने के लिए तैयार है। ऐसे मामलों में माहौल को खराब करने वाले शरारती तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। एसएसपी अजय सिंह का बयान देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने हाल ही में इस मुद्दे पर अपनी चिंताओं को साझा किया। उन्होंने कहा कि हाल के समय में देखा गया है कि जब भी किसी धर्म से जुड़ा मामला सामने आता है, तो लोग धार्मिक भावनाओं में बहकर तुरंत प्रतिक्रिया करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में, उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी मामले में जल्दबाजी में प्रतिक्रिया देने से पहले सही जानकारी की प्रतीक्षा करें। पुलिस की भूमिका अजय सिंह ने बताया कि पुलिस ऐसे मामलों की जाँच करने में सामान्यतः 10 से 15 घंटे का समय लेती है। इस समय के दौरान, पुलिस हर पहलू की जाँच करती है और आरोपियों को पकड़ने के लिए आवश्यक कदम उठाती है। पिछले मामलों में भी, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की है और आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की है। सोशल मीडिया पर चेतावनी एसएसपी ने चेतावनी देते हुए कहा कि कुछ शरारती तत्व जानबूझकर गलत खबरें फैलाकर लोगों को उकसाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे तत्वों की पहचान करने के लिए स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) और इंटेलिजेंस टीम सक्रिय रूप से काम कर रही है। गलत सूचनाओं पर नज़र पुलिस की यह रणनीति न केवल गलत सूचनाओं के फैलाव को रोकने के लिए है, बल्कि समाज में शांति बनाए रखने के लिए भी है। उन्होंने कहा कि जो लोग धार्मिक भावनाओं के साथ खेलते हैं और सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं, उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस संदर्भ में, पुलिस ने स्पष्ट संदेश दिया है कि समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सभी को सतर्क रहना चाहिए। लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और सत्यता की पुष्टि करने में पुलिस पर भरोसा रखें। इस पहल से उम्मीद है कि नागरिकों में जागरूकता बढ़ेगी और सामाजिक तनाव को कम किया जा सकेगा। यह भी पढ़ें | उत्तराखंड पुलिस अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के साथ मिलकर जनजागरुकता का करेगी प्रचार…….

2 दिन से ठप पड़ी राज्य की 90 सरकारी वेबसाइट और एप, नहीं टूट रहा साइबर अटैक का जाल

Cyber Attack In Uttarakhand

Cyber Attack In Uttarakhand: उत्तराखंड में हाल ही में हुए सबसे बड़े साइबर अटैक के बाद से स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। 50 घंटे बीत जाने के बावजूद सरकारी कामकाज सामान्य नहीं हो पाया है। राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) इस संकट से बाहर निकलने के लिए प्रयासरत है, लेकिन अब तक कोई सफल परिणाम नहीं मिल पाया है। स्थिति की गंभीरता इस साइबर हमले के परिणामस्वरूप, न केवल सरकारी कार्य बाधित हुए हैं, बल्कि जनता को भी कई प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। ऑनलाइन सेवाओं की अनुपलब्धता ने नागरिकों की दैनिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। आगे की कार्रवाई साइबर हमले की जांच और इसकी रोकथाम के लिए विशेषज्ञ टीमें लगातार काम कर रही हैं। यह आवश्यक है कि सटीक जानकारी और प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में इस तरह के हमलों से बचा जा सके। इस संकट के समय में, उत्तराखंड की सरकार को तेज़ी से उपाय करने की आवश्यकता है, ताकि सेवाएं पुनः सुचारू हो सकें और नागरिकों को राहत मिल सके। यह भी पढ़ें | साइबर ठगों के हौसले बुलंद, डीएम का बनाया फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट, और फिर…….

अब तक 4 एटीएस ही किए गए तैयार, इस साल भी लागू नहीं हो पाएगी व्यवस्था, जारी रहेगा मैन्युअल फिटनेस जांच…..

Mandatory Automated Vehicle Fitness

Mandatory Automated Vehicle Fitness: इस साल भी नहीं लागू हो पाएगी वाहनों की फिटनेस जांच व्यवस्था। 1 अक्टूबर तक मंत्रालय द्वारा बढ़ाया गया था संशोधन का समय। 4 एटीएस ही हो पाए अबतक तैयार आपको बता दे उत्तराखंड राज्य में सभी मानवाहक वाहनों के साथ सवारी वाहनों की फिटनेस ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर (एटीएस) द्वारा 1 अक्टूबर से अनिवार्य होना तय किया गया था। मगर इसकी व्यवस्था को लेकर कुछ काम अभी बाकी है, जिसके चलते केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को पत्र भेज दिया गया है।जानकारी के अनुसार 12 एटीएस में से अभी सिर्फ 4 एटीएस ही तैयार किए गए हैं इसके बाद अब मैन्युअल फिटनेस का विकल्प ही जारी रहेगा। इस साल भी नहीं लागू हो पाई व्यवस्था पिछले साल 1 अक्टूबर से सभी मालवाहक वाहनों की फिटनेस जांच एटीएस द्वारा करने की अधिसूचना जारी की गई थी जिसे मंत्रालय द्वारा इस साल के 1 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया था मगर वाहनों की फिटनेस जांच के लिए इस साल भी एटीएस व्यवस्था लागू नहीं की जाएगी। आपको बता दें केंद्र सरकार द्वारा दो व्यवस्थाएं लागू की गई है। पहली यह कि 1 अक्टूबर से वाहनों की ऑटोमेटेड फिटनेस की जाएगी और दूसरा यह कि जिन सभी क्षेत्रों में एटीएस तैयार हो गया है उनमें यह व्यवस्था लागू होगी। केंद्रीय मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार ऑटोमेटिक के साथ मैन्युअल फिटनेस जांच भी जारी रखने की मांग की गई है। यह भी पढ़ें देहरादून एक्सप्रेस बनने जा रही थी बड़े हादसे का शिकार, ट्रेन पलटाने की 1 और बड़ी साजिश……

Masked Aadhaaar Card: OYO होटल बुकिंग के दौरान आधार कार्ड देने से बचें, जानिए क्या है Masked Aadhaar Card और इसके फायदे……

Masked Aadhaaar Card

आजकल पर्यटकों और लोगों द्वारा OYO होटल का काफी (Masked Aadhaaar Card) इस्तेमाल किया जा रहा है जिसके चलते कई लोगों के साथ धोखाधड़ी के भी किस्से सामने आते हैं। होटल बुकिंग के दौरान ओरिजिनल आधार कार्ड को जमा कराने से कई समस्याएं सामने आ रहे हैं। जानिए इसका हल….. ओरिजिनल आधार देने की ना करें गलती (Masked Aadhaaar Card) आपको बता दे जब कभी भी OYO होटल या किसी भी अन्य होटल में रुकने के लिए बुकिंग कराई जाती है तो आपसे आपका आधार कार्ड मांगा जाता है। कई बार बुकिंग के दौरान और कभी चेक आउट के समय आधार कार्ड इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में देखा गया है कि ज्यादातर लोग आधार कार्ड की ओरिजिनल कॉपी होटल स्टाफ को ट्रांसफर कर देते हैं, जिससे उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं होता कि वह आधार कार्ड के जरिए अपना पर्सनल डाटा भी किसी को दे रहे हैं। आजकल देखा गया है कि आधार कार्ड के जरिए लोग आपका पर्सनल डाटा चोरी कर सकते हैं, साथ ही इसमें आपके बैंक अकाउंट की सभी डिटेल्स भी शामिल होती हैं जिन पर कभी भी सेंध लग सकती है। Masked Aadhaar Card का शुरू करें इस्तेमाल इन सभी दिक्कतों से बचने के लिए आजकल Masked Aadhaar Card का इस्तेमाल करना जरूरी है। किसी भी होटल में अपनी ओरिजिनल आधार कार्ड को देने की आदत में थोड़ा बदलाव लाने से आप बहुत सी समस्याओं से बच सकते हैं।आपको बता दे कि कभी भी किसी होटल में आपको अपना ओरिजिनल आधार कार्ड या फिर उसकी फोटो कॉपी नहीं देनी चाहिए, इसके स्थान पर हमेशा Masked Aadhaar Card का इस्तेमाल करना चाहिए। क्या है Masked Aadhaar Card? भारत के सभी देशवासियों के लिए आधार कार्ड एक बहुत ही जरूरी डॉक्यूमेंट है। जिसकी मदद से कई तरह की वेरिफिकेशन की जाती हैं। इसमें आपकी सभी डिटेल्स होती हैं जिसका हमें बहुत ही सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए ताकि कोई भी फ्रॉड या स्कैम ना कर सके। ऐसे में एक Masked Aadhaar Card हमारे आधार कार्ड की सभी जानकारी को सुरक्षित रखता है। तो जानते हैं Masked Aadhaar Card किस तरह हमारे आधार की जानकारी को सुरक्षित रखता है। Masked Aadhaar Card हमारे ओरिजिनल आधार कार्ड का ही एक वर्जन होता है। आपकी जानकारी के लिए जब आप इसे क्रिएट करते हैं तो यह ओरिजिनल आधार कार्ड के शुरुआती 8 नंबरों को पूरी तरह से धुंधला कर देता है। जिससे आधार नंबर के बस आखरी के 4 डिजिट ही दिखाई देते हैं। इससे यह फायदा होता है कि आपका ओरिजिनल आधार कार्ड का नंबर हाइड हो जाता है और सभी जरूरी जानकारियाँ सेफ रहती है। Masked Aadhaar Card को ट्रैवल के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही किसी भी होटल में बुकिंग करते समय या चेक आउट करते समय वेरिफिकेशन के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि आप इसका इस्तेमाल एयरपोर्ट पर भी कर सकते हैं। कैसे करें Masked Aadhaar को डाउनलोड (Masked Aadhaaar Card) यह भी पढ़ें केदारनाथ सीट के लिए भाजपा सरकार पूरी तैयारी में, 5 मंत्रियों को सौंपी जिम्मेदारी……