Cyber Police to Prevent Fraud Heli Booking: अगर आप हेलीकॉप्टर से केदारनाथ जाने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है। आज यानी 8 अप्रैल से ऑनलाइन हेली टिकट बुकिंग की शुरुआत हो चुकी है। इस बार सरकार ने साइबर ठगों से बचने के लिए कई कदम उठाए हैं।
आपको बता दें, साल 2023 में केदारनाथ यात्रा के नाम पर 40 से ज्यादा ठगी के मामले सामने आए। जिसमें ज्यादातर पीड़ित उत्तराखंड के बाहर के थे। साइबर ठगों ने नकली वेबसाइट बनाकर लोगों को भ्रमित कर ठगी की थी। जिसको मद्देनजर रखते हुए इस बार पुलिस प्रशासन ने पहले से तैयारी कर ली है। साइबर क्राइम थाने में चार सदस्यों की विशेष टीम बनाई गई है, जिसकी निगरानी सीओ साइबर अंकुश मिश्रा करेंगे। टीम लगातार ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखेगी।
नकली वेबसाइट और पेजों पर कार्रवाई
बता दें, साइबर ठग इंटरनेट पर फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया पेज सक्रिय हैं, जो लोगों से ठगी करने की फिराक में रहते हैं। जून 2024 तक 82 फर्जी वेबसाइट पुलिस द्वारा बंद की गईं और 45 फर्जी फेसबुक पेज भी हटवाए गए। इन पेजों पर हेली बुकिंग के विज्ञापन दिए जाते थे।
वैध वेबसाइट से करें बुकिंग
सरकार ने हेलीकॉप्टर टिकट बुकिंग का अधिकार आईआरसीटीसी (IRCTC) को दिया है। वैध वेबसाइट है:
www.heliyatra.irctc.co.in
आपको बता दें, इसवेबसाइट पर कोई मोबाइल नंबर नहीं होता। मोबाइल नंबर वाली साइट्स फर्जी हो सकती हैं।
साइबर ठगी के तरीके
आपको बता दें, साइबर ठग इतने शातिर होते हैं कि असली कंपनियों के नाम और लोगो का इस्तेमाल करते हैं। इसमें वेबसाइट की डिज़ाइन असली जैसी लगती है, और “Contact Us” सेक्शन में मोबाइल नंबर दिया जाता है (असल साइट पर नहीं होता)। भुगतान के बाद हेलीकॉप्टर कंपनियों से कोई पुष्टि नहीं मिलती। साथ ही, फर्जी साइट्स पर छूट और “एक टिकट पर एक मुफ्त” जैसे ऑफर दिखाए जाते हैं। असली वेबसाइट पर सुरक्षित पेमेंट गेटवे होता है, जबकि फर्जी वेबसाइट पर पैसा ठगों के निजी खातों में जाता है।