Outrage In Uttarakhand On Pahalgam Attack: 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम की बायसरन घाटी में हुआ आतंकी हमला देशभर को झकझोर देने वाला था। इस हमले में आतंकियों ने निहत्थे और बेगुनाह पर्यटकों को निशाना बनाया, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं। आतंकवादियों ने सुनियोजित ढंग से हमला करते हुए अंधाधुंध गोलियां चलाईं, जिसमें 26 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और करीब 20 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मारे गए लोगों में दो विदेशी नागरिक भी थे, जिससे यह हमला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बन गया है।
इस हमले की खबर फैलते ही पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई। हल्द्वानी समेत देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। हल्द्वानी के बुध पार्क में जुटे लोगों ने “इस्लामी आतंकवाद” के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उसका पुतला जलाकर अपना गुस्सा जाहिर किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह केवल एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि हिंदू समुदाय को निशाना बनाकर किया गया एक संगठित नरसंहार है। लोगों ने भारत सरकार से मांग की कि अब समय आ गया है कि आतंकियों के खिलाफ “घर में घुसकर” कार्रवाई की जाए और उन्हें जड़ से खत्म किया जाए।
इस प्रकार के प्रदर्शन यह दर्शाते हैं कि जनता अब और सहनशीलता नहीं दिखाना चाहती। लोग चाहते हैं कि सरकार आतंक के खिलाफ एक निर्णायक युद्ध छेड़े और सुरक्षाबलों को खुली छूट दी जाए ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। साथ ही यह भी ज़रूरी है कि देश की आंतरिक सुरक्षा को मज़बूत किया जाए और ऐसे संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सतर्क और सुदृढ़ बनाया जाए। अब यह केवल एक सुरक्षा का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि देश की अस्मिता और नागरिकों के मनोबल से जुड़ा विषय बन गया है।